Wednesday, 20 September 2017
सोमवती अमावस्या के उपाय Somvati Amavasya Ke upay
सोमवती अमावस्या Somvati Amavasya को अत्यंत पुण्य तिथि माना जाता है । मान्यता है कि सोमवती अमावस्या Somvati Amavasya के दिन किये गए किसी भी प्रकार के उपाय शीघ्र ही फलीभूत होते है । सोमवती अमावस्या Somvati Amavasya के दिन उपाय करने से मनुष्यों को सभी तरह के शुभ फल प्राप्त होते है, अगर उनको कोई कष्ट है तो उसका शीघ्र ही निराकरण होता है और उस व्यक्ति तथा उसके परिवार पर आने वाले सभी तरह के संकट टल जाते है।
इस दिन जो मनुष्य व्यवसाय में परेशानियां से जूझ रहे हो, वे पीपल वृक्ष के नीचे तिल के तेल का दिया जलाकर और ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नम: मंत्र का जाप करें तो उनकी व्यवसाय में आ रही समस्त रुकावट दूर हो जाएगी।
सोमवती अमावस्या Somvati Amavasya के पर्व पर अपने पितरों के निमित्त पीपल का वृक्ष लगाने से जातक को सुख-सौभाग्य, संतान, पुत्र, धन की प्राप्ति होती है और उसके समस्त पारिवारिक क्लेश समाप्त हो जाते हैं।
इस दिन पवित्र नदियों में स्नान का भी विशेष महत्व समझा जाता है। कहा जाता है कि महाभारत में भीष्म ने युधिष्ठिर को इस दिन का महत्व समझाते हुए कहा था कि, इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने वाला मनुष्य निश्चय ही समृद्ध, स्वस्थ और सभी दुखों से मुक्त होगा। सोमवती अमावस्या Somwati Amavasya के ब्रत को भीष्म पितामह ने 'ब्रत शिरोमणि' अर्थात 'ब्रतराज' कहा है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से पितरों कि आत्माओं को शांति मिलती है।
इस दिन पवित्र नदियों, तीर्थों में स्नान, ब्राह्मण भोजन, गौदान, अन्नदान, वस्त्र, स्वर्ण आदि दान का विशेष महत्व माना गया है। इस दिन गंगा स्नान का भी विशिष्ट महत्त्व है। इस दिन यदि गंगा जी जाना संभव न हो तो प्रात:काल किसी नदी या सरोवर आदि में स्नान करके भगवान शंकर, पार्वती और तुलसी की भक्तिपूर्वक पूजा करें।
सोमवार भगवान शिव जी का दिन माना जाता है और सोमवती अमावस्या Somvati Amavasya तो पूर्णरूपेण शिव जी को समर्पित होती है। इसलिए इस दिन भगवान शिव कि कृपा पाने के लिए शिव जी का अभिषेक करना चाहिए, या प्रभु भोले भंडारी पर बेलपत्र, कच्चा दूध, मेवे, फल, मीठा, जनेऊ जोड़ा आदि चढ़ाकर ॐ नम: शिवाय का जाप करने से सभी कष्टों से छुटकारा मिलता है।
मान्यता है कि सोमवती अमावस्या Somvati Amavasya के दिन सुबह-सुबह नित्यकर्मों से निवृत्त होकर किसी भी शिव मंदिर में जाकर सवा किलो साफ चावल अर्पित करते हुए भगवान शिव का पूजन करें। पूजन के पश्चात यह चावल किसी ब्राह्मण अथवा जरूरतमंद व्यक्ति को दान करें। शास्त्रों के अनुसार सोमवती अमवस्या Somvati Amavasya पर शिवलिंग पर चावल चढ़ाकर उसका दान करने से अक्षय पुण्य मिलता है माँ लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
शास्त्रों में वर्णित है कि सोमवती अमावस्या Somvati Amavasya के दिन उगते हुए भगवान सूर्य नारायण को गायत्री मंत्र उच्चारण करते हुए अर्घ्य देने से गरीबी और दरिद्रता दूर होगी। यह क्रिया आपको अमोघ फल प्रदान करती है ।
सोमवती अमावस्या Somvati Amavasya के दिन 108 बार तुलसी के पौधे की श्री हरि-श्री हरि अथवा ॐ नमो नारायण का जाप करते हुए परिक्रमा करें, इससे जीवन के सभी आर्थिक संकट निश्चय ही समाप्त हो जाते है।
जिन लोगों का चंद्रमा कमजोर है, वह यदि गाय को दही और चावल खिलाएं तो उन्हें अवश्य ही मानसिक शांति प्राप्त होगी।
इसके अलावा मंत्र जाप, सिद्धि साधना एवं दान कर मौन व्रत को धारण करने से पुण्य प्राप्ति और भगवान का आशीर्वाद मिलता है।
इस दिन स्वास्थ्य, शिक्षा,कानूनी विवाद,आर्थिक परेशानियों और पति-पत्नी सम्बन्धी विवाद के समाधान हेतु किये गये उपाय अवश्य ही सफल होते है ।
इस दिन जो व्यक्ति धोबी,धोबन को भोजन कराता है,सम्मान करता है, दान दक्षिणा देता है, उसके बच्चो को कापी किताबे, फल, मिठाई,खिलौने आदि देता है उसके सभी मनोरथ अवश्य ही पूर्ण होते है ।
इस दिन ब्राह्मण, भांजा और ननद को फल, मिठाई या खाने की सामग्री का दान करना बहुत ही उत्तम फल प्रदान करता है।
इस दिन जो मनुष्य व्यवसाय में परेशानियां से जूझ रहे हो, वे पीपल वृक्ष के नीचे तिल के तेल का दिया जलाकर और ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नम: मंत्र का जाप करें तो उनकी व्यवसाय में आ रही समस्त रुकावट दूर हो जाएगी।
सोमवती अमावस्या Somvati Amavasya के पर्व पर अपने पितरों के निमित्त पीपल का वृक्ष लगाने से जातक को सुख-सौभाग्य, संतान, पुत्र, धन की प्राप्ति होती है और उसके समस्त पारिवारिक क्लेश समाप्त हो जाते हैं।
इस दिन पवित्र नदियों में स्नान का भी विशेष महत्व समझा जाता है। कहा जाता है कि महाभारत में भीष्म ने युधिष्ठिर को इस दिन का महत्व समझाते हुए कहा था कि, इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने वाला मनुष्य निश्चय ही समृद्ध, स्वस्थ और सभी दुखों से मुक्त होगा। सोमवती अमावस्या Somwati Amavasya के ब्रत को भीष्म पितामह ने 'ब्रत शिरोमणि' अर्थात 'ब्रतराज' कहा है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से पितरों कि आत्माओं को शांति मिलती है।
इस दिन पवित्र नदियों, तीर्थों में स्नान, ब्राह्मण भोजन, गौदान, अन्नदान, वस्त्र, स्वर्ण आदि दान का विशेष महत्व माना गया है। इस दिन गंगा स्नान का भी विशिष्ट महत्त्व है। इस दिन यदि गंगा जी जाना संभव न हो तो प्रात:काल किसी नदी या सरोवर आदि में स्नान करके भगवान शंकर, पार्वती और तुलसी की भक्तिपूर्वक पूजा करें।
सोमवार भगवान शिव जी का दिन माना जाता है और सोमवती अमावस्या Somvati Amavasya तो पूर्णरूपेण शिव जी को समर्पित होती है। इसलिए इस दिन भगवान शिव कि कृपा पाने के लिए शिव जी का अभिषेक करना चाहिए, या प्रभु भोले भंडारी पर बेलपत्र, कच्चा दूध, मेवे, फल, मीठा, जनेऊ जोड़ा आदि चढ़ाकर ॐ नम: शिवाय का जाप करने से सभी कष्टों से छुटकारा मिलता है।
मान्यता है कि सोमवती अमावस्या Somvati Amavasya के दिन सुबह-सुबह नित्यकर्मों से निवृत्त होकर किसी भी शिव मंदिर में जाकर सवा किलो साफ चावल अर्पित करते हुए भगवान शिव का पूजन करें। पूजन के पश्चात यह चावल किसी ब्राह्मण अथवा जरूरतमंद व्यक्ति को दान करें। शास्त्रों के अनुसार सोमवती अमवस्या Somvati Amavasya पर शिवलिंग पर चावल चढ़ाकर उसका दान करने से अक्षय पुण्य मिलता है माँ लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
शास्त्रों में वर्णित है कि सोमवती अमावस्या Somvati Amavasya के दिन उगते हुए भगवान सूर्य नारायण को गायत्री मंत्र उच्चारण करते हुए अर्घ्य देने से गरीबी और दरिद्रता दूर होगी। यह क्रिया आपको अमोघ फल प्रदान करती है ।
सोमवती अमावस्या Somvati Amavasya के दिन 108 बार तुलसी के पौधे की श्री हरि-श्री हरि अथवा ॐ नमो नारायण का जाप करते हुए परिक्रमा करें, इससे जीवन के सभी आर्थिक संकट निश्चय ही समाप्त हो जाते है।
जिन लोगों का चंद्रमा कमजोर है, वह यदि गाय को दही और चावल खिलाएं तो उन्हें अवश्य ही मानसिक शांति प्राप्त होगी।
इसके अलावा मंत्र जाप, सिद्धि साधना एवं दान कर मौन व्रत को धारण करने से पुण्य प्राप्ति और भगवान का आशीर्वाद मिलता है।
इस दिन स्वास्थ्य, शिक्षा,कानूनी विवाद,आर्थिक परेशानियों और पति-पत्नी सम्बन्धी विवाद के समाधान हेतु किये गये उपाय अवश्य ही सफल होते है ।
इस दिन जो व्यक्ति धोबी,धोबन को भोजन कराता है,सम्मान करता है, दान दक्षिणा देता है, उसके बच्चो को कापी किताबे, फल, मिठाई,खिलौने आदि देता है उसके सभी मनोरथ अवश्य ही पूर्ण होते है ।
इस दिन ब्राह्मण, भांजा और ननद को फल, मिठाई या खाने की सामग्री का दान करना बहुत ही उत्तम फल प्रदान करता है।
Saturday, 2 September 2017
शराब छुड़ाने के अचूक टोटके, Sharab Chudane ke achuk Totke
शराब छुड़ाने के अचूक टोटके
Sharab Chudane ke achuk Totke
Sharab Chudane ke achuk Totke
शनिवार के दिन शाम के समय शराब की एक पूरी बोतल या आधी बोतल लेकर उस शराब में 800 ग्राम सरसों के तेल मिलाकर उसे किसी बड़ी बोतल मे भर कर उसे अच्छी तरह से बंद कर दें l फिर उसे शराबी व्यक्ति के उपर से 21 बार उतारकर चुपचाप बिना किसी से बोले किसी बहती हुई नदी, या नहर के किनारे उस बोतल को उलटी करके गाड़ दे l कुछ ही दिनों मे उस व्यक्ति की शराब छुट जायेगी l जब आपका कार्य पूरा हो जाये तब आप किसी भी हनुमान मंदिर में प्रशाद अवश्य ही चढ़ा दें ।
यदि कोई व्यक्ति बहुत ज्यादा शराब पीता है तो उसकी पत्नी मंगल या शनिवार को चरखा चलाए और मन ही मन में बजरंग बलि से अपने पति की शराब की आदत छुड़वाने की प्रार्थना करें ।।
यदि कोई व्यक्ति बहुत ज्यादा शराब पीता है और उसके घर वाले चाहते है कि उसकी शराब छूट जाये तो उसकी पत्नी बिलकुल चुपचाप अपने पैरों के बिछुए को पानी से धो ले फिर पति की शराब की बोतल में से थोड़ी सी शराब किसी शीशी में लेकर उसमें अपने बिच्छुए डाल दे, यह बात वह किसी को भी नहीं बताये। फिर एक दो दिन के बाद उस शराब से अपना बिछुआ निकाल कर उस शराब को दूसरी किसी शराब की बोतल में डाल दें। ऐसा पांच मंगलवार या शनिवार करने से पति शराब से तौबा करने लगेगा ।
एक अन्य उपाय भी आजमा सकते है । शुक्ल पक्ष के पहले शनिवार को सुबह सवा मीटर काला कपड़ा तथा सवा मीटर नीला कपड़ा लेकर इन्हे एक-दूसरे के ऊपर रखकर इसके उपर 800 ग्राम कच्चे कोयले, 800 ग्राम काली साबूत उड़द, 800 ग्राम जौ एवं काले तिल, 8 बड़ी कीलें तथा 8 सिक्के रखकर उसकी एक पोटली बांध लें। फिर जिस व्यक्ति की शराब छुड़वाना है उसकी लंबाई से आठ गुना अधिक लम्बा काला धागा लेकर उसे एक जटा वाले नारियल पर लपेट दें ।
* इस नारियल के ऊपर काजल का तिलक लगाकर उसे धूप-दीप अर्पित करके उस व्यक्ति की शराब पीने की आदत छुड़ाने की प्रार्थना करें। उसके बाद यह सारी सामग्री किसी बहती हुई नदी में प्रवाहित कर दें। फिर उसे प्रणाम करके घर वापस आ जाएं पीछे मुड़कर बिलकुल भी न देखें। घर के अंदर प्रवेश करने से पहले अपने हाथ-पैर जरूर धो लें । उसके बाद शाम को किसी पीपल के वृक्ष के नीचे जाकर तिल के तेल का दीपक लगाएं। इसे आने वाले बुधवार व शनिवार को एक बार फिर से दोहराएं। यह उपाय बिलकुल चुपचाप करें इसके बारे में किसी को भी नहीं बताएं । कुछ ही समय में अवश्य ही शराब का आदि व्यक्ति शराब छोड़ देगा ।
जो व्यक्ति अधिक शराब पीता है तो उसके घर का कोई भी सदस्य सात बताशे लेकर उन बताशों में सरसों के तेल की तीन-चार बूंदे डालकर फिर उन बताशे को हाथ से मसलकर चुपचाप घर से बाहर कहीं दूर ले जाकर फेंक दें। ऐसा 11 दिन लगातार करने से शराबी की शराब पीने की लत अवश्य ही छूट जाती है ।
एक प्रचलित टोटका है ……………जंगली कौवे के पंख को पानी में हिलाकर शराबी को 7 दिन तक पंख वाला पानी पिलाने से बड़े से बड़ा शराबी भी शराब की लत को छोड़ देता है ।
हमें उम्मीद है कि उपरोक्त बताये हुए उपायों / टोटको से आपको अपनी या किसी भी व्यक्ति की शराब की आदत को छुड़वाने में निश्चित रूप से सफलता प्राप्त होगी ।
यदि कोई व्यक्ति बहुत ज्यादा शराब पीता है तो उसकी पत्नी मंगल या शनिवार को चरखा चलाए और मन ही मन में बजरंग बलि से अपने पति की शराब की आदत छुड़वाने की प्रार्थना करें ।।
यदि कोई व्यक्ति बहुत ज्यादा शराब पीता है और उसके घर वाले चाहते है कि उसकी शराब छूट जाये तो उसकी पत्नी बिलकुल चुपचाप अपने पैरों के बिछुए को पानी से धो ले फिर पति की शराब की बोतल में से थोड़ी सी शराब किसी शीशी में लेकर उसमें अपने बिच्छुए डाल दे, यह बात वह किसी को भी नहीं बताये। फिर एक दो दिन के बाद उस शराब से अपना बिछुआ निकाल कर उस शराब को दूसरी किसी शराब की बोतल में डाल दें। ऐसा पांच मंगलवार या शनिवार करने से पति शराब से तौबा करने लगेगा ।
एक अन्य उपाय भी आजमा सकते है । शुक्ल पक्ष के पहले शनिवार को सुबह सवा मीटर काला कपड़ा तथा सवा मीटर नीला कपड़ा लेकर इन्हे एक-दूसरे के ऊपर रखकर इसके उपर 800 ग्राम कच्चे कोयले, 800 ग्राम काली साबूत उड़द, 800 ग्राम जौ एवं काले तिल, 8 बड़ी कीलें तथा 8 सिक्के रखकर उसकी एक पोटली बांध लें। फिर जिस व्यक्ति की शराब छुड़वाना है उसकी लंबाई से आठ गुना अधिक लम्बा काला धागा लेकर उसे एक जटा वाले नारियल पर लपेट दें ।
* इस नारियल के ऊपर काजल का तिलक लगाकर उसे धूप-दीप अर्पित करके उस व्यक्ति की शराब पीने की आदत छुड़ाने की प्रार्थना करें। उसके बाद यह सारी सामग्री किसी बहती हुई नदी में प्रवाहित कर दें। फिर उसे प्रणाम करके घर वापस आ जाएं पीछे मुड़कर बिलकुल भी न देखें। घर के अंदर प्रवेश करने से पहले अपने हाथ-पैर जरूर धो लें । उसके बाद शाम को किसी पीपल के वृक्ष के नीचे जाकर तिल के तेल का दीपक लगाएं। इसे आने वाले बुधवार व शनिवार को एक बार फिर से दोहराएं। यह उपाय बिलकुल चुपचाप करें इसके बारे में किसी को भी नहीं बताएं । कुछ ही समय में अवश्य ही शराब का आदि व्यक्ति शराब छोड़ देगा ।
जो व्यक्ति अधिक शराब पीता है तो उसके घर का कोई भी सदस्य सात बताशे लेकर उन बताशों में सरसों के तेल की तीन-चार बूंदे डालकर फिर उन बताशे को हाथ से मसलकर चुपचाप घर से बाहर कहीं दूर ले जाकर फेंक दें। ऐसा 11 दिन लगातार करने से शराबी की शराब पीने की लत अवश्य ही छूट जाती है ।
एक प्रचलित टोटका है ……………जंगली कौवे के पंख को पानी में हिलाकर शराबी को 7 दिन तक पंख वाला पानी पिलाने से बड़े से बड़ा शराबी भी शराब की लत को छोड़ देता है ।
हमें उम्मीद है कि उपरोक्त बताये हुए उपायों / टोटको से आपको अपनी या किसी भी व्यक्ति की शराब की आदत को छुड़वाने में निश्चित रूप से सफलता प्राप्त होगी ।
शराब छुड़ाने का एक और अचूक उपाय, Sharab se chutkara pane ke upay
शराब छुड़ाने का एक और अचूक उपाय
शराब की आदत छुड़ाने के लिए खजूर बहुत अधिक सहायता देता है। इसके लिए पानी में कुछ खजूर घिसें फिर दिन में दो - तीन बार इस मिश्रण का सेवन करें। इससे शीघ्र ही शराब की आदत छूट जायगी ।
गाजर के जूस से शराब पीने की इच्छा कम होती जाती है । दिन में एक गिलास गाजर का जूस अवश्य ही पीये यह शराब को छोड़ने में बहुत सहायक होता है इससे नेत्रों की रौशनी बढ़ती है और पाचन तंत्र में भी सुधार होता है।
एक और आजमाया हुआ उपाय है शिमला मिर्च (कैप्सिकम ) लेकर जूसर से उसका रस निकाल लीजिए । इस रस का सेवन दिन में दो बार आधा आधा कप भोजन के बाद करें । इस अचूक उपाय से शराब की तलब अपने आप घटने लगती है और फिर जल्द ही पूरी तरह से समाप्त हो जाती है ।
शराब पीने वाले लोगो के शरीर मे सल्फर (SULPHUR) की बहुत ज्यादा कमी हो जाती है उसके लिए किसी भी होम्योपैथिक की दुकान से SULPHUR 200 खरीद कर इसका प्रयोग करे ये बहुत ही आसानी से शराब की लत को छुडा देता है। इसकी एक बूंद सुबह खाली पेट जीभ पर दाल लीजिये फिर आधे घंटे तक कुछ भी नहीं खाएं । ऐसा लगातार 5-6 दिन तक करें । इसके बाद हफ्ते में 2-3 बार इसे लेते रहे, लगातार डेढ़ से दो महीने तक ऐसे ही लेते रहने से बड़े बड़े पियक्कड की भी शराब की लत छूट जाती है ।
तंबाकू, गुटका,बीड़ी, सिगरेट आदि नशा करने वालो के शरीर में फास्फोरस (PHOSPHORUS) तत्व की कमी हो जाती है उसके लिए PHOSPHORUS 200 का ऐसे ही प्रयोग करे।इसके प्रयोग से तंबाकू, गुटका,बीड़ी, सिगरेट आदि सभी नशे की आदत अवश्य ही छूट जाती है।
500 ग्राम देसी अजवाइन को पीसकर उसे 7 - 8 लीटर पानी में दो दिन के लिए भिगो दें। फिर उसे धीमी आंच पर इतना पकाएं कि वह पानी लगभग 2 लीटर रह जाए। इस पानी को ठंडा होने पर छान कर किसी साफ बोतल में भर दें। अब जब भी आपकी शराब पीने की इच्छा हो आप इसे 5 - 5 चम्मच पियें । इसके सेवन में कुछ ही दिनों में शराब पीने कि आदत ख़त्म हो जाती है ।
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