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Wednesday, 25 July 2018

गोमती चक्र के टोटके तांत्रिक प्रयोग उपाय

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गोमती चक्र के टोटके तांत्रिक प्रयोग उपाय
गोमती चक्र के वशीकरण टोटके उपाय:- गोमती चक्र के टोटके से आप धन, परिवार, कोट-कचहरी, बीमारी, भूत-प्रेत, शत्रु-समाधान, वशीकरण आदि से सम्बंधित समस्याओं का समाधान प्राप्त कर सकते हैं. गोमती चक्र को दीवाली, नवरात्र और होली के दिन पूजा करके अभिमंत्रित किया जाता है| गोमती चक्र की ग्रहण वाले दिन या अमावस्या को विशेष पूजा की जाती है| इस तरह से गोमती चक्र की पूजा करने से कार्य जल्द ही संपन्न हो जाते हैं और सुख-सम्रद्धि की प्राप्ति होती है. कुछ विशेष मुहर्त भी होते हैं जब गोमती चक्र के प्रयोग से तांत्रिक सिद्धि की जाती है. रविपुष्य योग, सर्वसिद्धि योग और गुरुपुष्य योग पर गोमती चक्र की पूजा का विशेष महत्व है| तांत्रिक प्रक्रियाएं जैसे – वशीकरण, स्तम्भन, सम्मोहन, मारण, उच्चाटन में इसका प्रयोग किया जाता है|
गोमती चक्र तांत्रिक प्रयोग:-
गोमती चक्र के तांत्रिक प्रयोग की सहायता से हर प्रकार की बाधा से मुक्ति पायी जा सकती है. गोमती चक्र गोमती नदी से प्राप्त किया जाता है. चूँकि ये पत्थर गोमती नदी में पाया जाता है, इसलिए इसको गोमती चक्र के नाम से जाना जाता है. इसके प्रयोग से बड़े उद्देश्यों की पूर्ति की जा सकती है साथ ही असाध्य रोगों का उपचार भी किया जा सकता है| अगर आप रोगों से मुक्ति पाने में असमर्थ हैं तो आप गोमती चक्र के तांत्रिक प्रयोग अवश्य करें. असाध्य रोगों से मुक्ति के लिए तथा चिंता से मुक्ति के लिए आप रात में एक बर्तन में पानी लेकर उसमे दस गोमती चक्र डाल दें. सुबह उठकर ये पानी पी लें. इस छोटे से प्रयोग से आपको हर तरह की बीमारी से छुटकारा मिल जायेगा|
गोमती चक्र से शत्रुता समाप्त करना:-
अगर आपके शत्रु आपको बार-बार परेशान कर रहे हैं तो आप गोमती चक्र से उनसे आसानी से छुटकारा पा सकते हैं. इसके लिए आप एक गोमती चक्र लें और इस पर अपने शत्रु का नाम लिख दें. अब इसे किसी सुने स्थान पर जा कर गाड़ दें. इस तरह के आसान से प्रयोग से आपका कोई भी शत्रु आपको परेशान करना छोड़ देगा और मैत्री के लिए हाथ आगे बढ़ाने लगेगा| किसी शत्रु ने मन से शत्रुता समाप्त करने के लिए आप गोमती चक्र के तांत्रिक प्रयोग के अंतर्गत होली के दिन ये प्रयोग करें. आप होली के दिन गोमती चक्र पर थोड़ा सा सिंदूर लगा दें. अब अपने शत्रु का नाम उच्चारित करें और उस गोमती चक्र को जलती हुई होलिका में डाल दें. इस प्रयोग से आपकी शत्रुता मित्रता में बदल जाएगी| 
गोमती चक्र से सफलता पाना:-
कभी बहुत प्रयास करने पर भी प्रमोशन के सभी प्रयास असफ़ल हो जाते हैं. ऐसे में गोमती चक्र का प्रयोग आपके लिए वरदान साबित हो सकता है. आप एक आसान सा गोमती चक्र का प्रयोग करें. आप किसी शिवमंदिर में जाकर शिवलिंग के ऊपर गोमती चक्र चढ़ा दें. अपने प्रभु से प्रार्थना करें कि वे आपको आपकी नौकरी में तरक्की दें. इस प्रयोग पर आपको जल्दी ही सफलता मिलने लगेगी|
गोमती चक्र से गृह-क्लेश से मुक्ति, पति-पत्नी में मन मुटाव दूर करना:-
गृह-क्लेश से मुक्ति के लिए भी गोमती चक्र के तांत्रिक प्रयोग किये जाए हैं. अगर आपके घर में वाद-विवाद होता रहता हो. हर बात पर झगड़ा और पति-पत्नी में मन मुटाव रहता हो तो आपको गोमती चक्र एक सिंदूर की डिबिया में रखना चाहिए. इस प्रयोग से आपके घर में शांति का वास होगा और घर के सभी सदस्य शांति पूर्वक घर में रहेंगे| पति-पत्नी घर की बुनियाद होते हैं. अगर पति या पत्नी में से कोई भी सहयोग नही करता तो घर में शांति और प्यार को कायम रख पाना बहुत मुश्किल हो जाता है. अगर आप ऐसी ही किसी स्थिति में हैं तो आपको गोमती चक्र को “हलूं बल्जाद” बोलकर दक्षिण दिशा की ओर फैक देना चाहिए|
गोमती चक्र से बुरी नजर बचाव:-
आप बुरी नज़र से बचाव के लिए भी गोमती चक्र का प्रयोग कर सकते हैं. अगर आपको ज्यादा नज़र लगती है तो किसी भी सुनसान स्थान पर जाकर ख़ुद के सिर के ऊपर से 7 बार फिराकर पीछे की तरफ़ फैक दें और बिना पीछे मुड़े घर आ जाएँ. इस आसन से प्रयोग से आपको नज़र लगने की समस्या से निजात मिल जायेगा| भय से मुक्ति के लिए भी आप गोमती चक्र का प्रयोग कर सकते हैं. अगर आपके घर में कोई बच्चा डरता है तो आपको ये प्रयोग करना चाहिए. आप किसी मंगलवार को हनुमान मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति के दायें कंधे से सिंदूर निकाल लें अब इससे गोमती चक्र पर लगाकर वहीँ उनके चरणों में रखें. इसके बाद आप हनुमान चालीसा पढ़ें. अब गोमती चक्र को एक लाल कपड़ा लेकर उससे बांध दें. जिस भी बच्चे को डर परेशान कर रहा है आप उसके गले में ये डाल दें|
गोमती चक्र को अभिमंत्रित कैसे करे:-
धन हानि से बचने के लिए आप गोमती चक्र के तांत्रिक प्रयोग कर सकते हैं. 21 गोमती चक्र को अभिमंत्रित कर आप महीने के पहले सोमवार को लाल या पीले रंग के रेशमी में बांधकर अपनी तिजोरी में रखें. इस पोटली के ऊपर हल्दी से तिलक कर दें. इस प्रयोग से आपके घर में धन की हानि रुक जाएगी और माता लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहेगी| अपने व्यापार में अगर आप लाभ प्राप्त करना चाहते हैं तो आप ये उपाय कर सकते हैं. आप दो गोमती चक्रों को बांधकर अपनी दुकान की चौखट पर लटका दें. इस टोटके को करने पर आपके व्यापार में दिन-ब-दिन तरक्की होती चली जाएगी|
गोमती चक्र से स्त्री का गर्भ धारण करना/भूत-प्रेत से मुक्ति:-
जिस स्त्री का गर्भ बार-बार गिर जाता हो उन्हें इस प्रयोग को करना चाहिए. बार-बार गर्भ के गिरने की समस्या के लिए 2 गोमती चक्र लेकर उन्हें स्त्री की कमर से बांध देना चाहिए| किसी घर में अगर सदस्यों को भूत-प्रेत सता रहे हों तो गोमती चक्र के तांत्रिक प्रयोग से इसका समाधान इस तरह किया जा सकता है. 2 गोमती चक्रों को घर के मुख्य सदस्य के सिर से घुमाएँ और अग्नि में डाल दें. इस प्रयोग को करने से भूत-प्रेत बाधा से मुक्ति मिलती है|

गोमती चक्र गोमती नदी

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गोमती चक्र गोमती नदी में पाया जाता है, इसलिए इसको गोमती चक्र कहते है. गोमती चक्र अल्पमोली कैल्शियम मिश्रित पत्थर होते है जिनकी सतह एक तरफ से उठी हुई होती है और दूसरी तरफ चक्र होता है।

गोमती चक्र के फायदे

हिन्दू धरम शास्त्रों के अनुसार गोमती चक्र की उत्पत्ति का कारण समुद्र मंथन के समय विष्णु जी के चक्र का प्रयोग करने से समुद्र में भयंकर चक्रीय तरंगे उत्पन्न हुई जिसके प्रभाव से समुद्र तल से बहुत सी बहुमूल्य वस्तुएं छिटक कर बाहर आई | गोमती चक्र में बहुत ही अद्भुत रसायन और दिव्य शक्ति समाविष्ट हैं| इसलिए गोमती चक्र के टोटके/प्रयोग तंत्र शास्त्र मैं बहुत ही प्रभावशाली माने गए हैं|
आज हम आपको बता रहे हैं ज्योतिष और तंत्र शास्त्र मैं बताये गए कुछ बहुत ही प्रभावशाली गोमती चक्र के टोटके/उपाय जिन्हे करकर आप अपने जीवन की बहुत सी समस्याओ का अंत कर सकते हैं.गोमती चक्र के टोटके की मदद से आप धन प्राप्ति, पारिवारिक शांति , कोट-कचहरी मैं जीत , बीमारी मैं लाभ , अला-बला से मुक्ति , शत्रुता , वशीकरण आदि से सम्बंधित समस्याओं का समाधान कर सकते हैं.

गोमती चक्र अभिमंत्रित करने का उपाय

होली, दिवाली , नवरात्री या फिर रवि पुष्य नक्षत्र में गोमती चक्र अभिमंत्रित करना चाहिए। आवशयकता अनुसार संख्या में गोमती चक्र लाकर अपने घर के पूजा स्थल मैं माँ लक्ष्मी की मूर्ति/तस्वीर के सामने स्थापित करें। विधिवत पूजा करें तथा निम्नलिखित मंत्र की 21 माला जप करें-
“ओम् श्रीं नमः”
मंत्र जाप के बाद गोमती चक्र अभिमंत्रित हो जाता है।

गोमती चक्र के टोटके/उपाय

धन प्राप्ति के लिए गोमती चक्र के टोटके/उपाय

21 अभिमंत्रित गोमती चक्र को हल्दी से तिलक कर लाल रंग के कपडे में बांधकर अपनी तिजोरी में रखें.

व्यापार में लाभ के लिए गोमती चक्र के टोटके/उपाय

२ अभिमंत्रित गोमती चक्र लाल रंग के कपडे में बांधकर अपनी दुकान की चौखट पर लटका दें. व्यापार में दिन-ब-दिन बढ़ता चला जायेगा|

नौकरी में तरक्की के लिए गोमती चक्र के टोटके/उपाय

किसी भी शिव मंदिर मैं जाकर १ गोमती चक्र शिवलिंग पर नौकरी मैं तरक्की के लिए प्रार्थना करके चढ़ा दे

नजर दोष के लिए गोमती चक्र के टोटके/उपाय

बुरी नजर उतारने के लिए किसी सुनसान जगह पर जाये और ३ गोमती चक्र अपने ऊपर से ७ बार उसार ले और पीछे फ़ेंक दे और सीधे घर आ जाये

गर्भपात रोकने के लिए गोमती चक्र के टोटके/उपाय

2 गोमती चक्र गर्भवती स्त्री की कमर मैं बांध देने से गर्भपात की समस्या ख़तम हो जाती हैं

गोमती चक्र के टोटके/उपाय तभी अपना असर दिखते हैं जब आप पूरी श्रद्धा और विश्वास से इन्हे करते हैं|

गोमती चक्र की उत्पत्ति

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गोमती चक्र की उत्पत्ति रहस्य-

गोमती चक्र(Gomati Chakra)की उत्पत्ति भगवान् विष्णु के चक्र से उस समय हुई जब देव दानव दोनों मिल कर समुद्र मन्थन करने लगे-पृथ्वी उसके भयंकर रगड़ एवं गर्जना से उत्तप्त हो गई-रोती बिलखती गाय के रूप में वह भगवान विष्णु की शरण में गयी-भगवान विष्णु ने अपने चक्र से समुद्र में ऐसी भयंकर चक्रवाती गोलाकार तरंग उत्पन्न किया कि मन्दराचल उसी में फँसकर अत्यंत तीव्र गति से पृथ्वी से ऊपर उठकर घूमने लगा-इस चक्र को ही भँवर कहा गया है-इस भँवर में फँसकर बड़े बड़े जलपोत डूब जाते है इस भयंकर वेग से मन्दराचल के निचले सतह से अनेक पत्थर लावा बनकर बाहर छिटकने लगे तथा अनेक मणियाँ, बहुमूल्य धातुएँ तथा अन्य वस्तुएं जैसे शङ्ख आदि भी छिटक कर बाहर गिरने लगे-

कुछ अति कीमती रत्न, पत्थर आदि घर्षण से पिघल तो गए किन्तु ऊपर पानी के सतह पर आते ही ठन्डे पड़ने लगे जो भँवर की अबाध तीव्र गति के कारण गोल रूप लेते चले गये-इनकी संख्या धीरे धीरे इतनी ज्यादा बढ़ गई कि भँवर हल्का पड़ने लगा और अंत में समुद्र मन्थन को रोकना पड़ गया-

वरुण (जल) के निचले सतह-पेंदे और गो रूप धारिणी माता पृथ्वी के ऊपरी सतह के मध्यवर्ती रत्न-धातु आदि “गो मृत्तिका” या “गो मिटटी” या गोमती चक्र(Gomati Chakra)के नाम से जाने गये-रहस्य विज्ञान के प्रवर्तक वरुण देव(जल)के घर्षणमय रासायनिक संयोग के कारण इसके अंदर शक्तिशाली अतिविचित्र शक्तियों का समावेश हो गया और 'गोमाता' पृथ्वी के आशीर्वाद से इसमें धनसंम्पदा आदि प्रदान करने की शक्तियाँ भी समाविष्ट हो गईं-गोमती चक्र(Gomati Chakra)एक अत्यंत शक्तिशाली उग्र रासायनिक प्रभाव वाला जल से उत्पन्न प्राकृतिक पदार्थ है जिसका नियम से और जिसके लिये उपयुक्त है वह प्रयोग करे तो अनेक विघ्न बाधा से निश्चित मुक्ति मिल सकती है-

तंत्र शास्त्र के अंतर्गत तांत्रिक क्रियाओं मे एक ऐसे दिव्य पत्थर का उपयोग किया जाता है जो दिखने में बहुत ही साधारण होता है लेकिन इसका प्रभाव असाधारण होता है  तंत्र शास्त्र के ज्ञाता इस पर अनेक विधि पूजन कर इसे प्राणप्रतिष्ठा से विशेष सिद्धि दायक बना देते हे -

गोमती चक्र(Gomati Chakra)के साधारण तंत्र उपयोग इस प्रकार हैं-

मानसिक शांति ,रोग और भय से मुक्ति,दरिद्रता से मुक्ति,कोर्ट कचेरी के मामलो मे राहत,भुत-प्रेत बाधा शत्रुपीड़ा,संतान प्राप्ति और खास कर धन संचय में-इसकी सिद्धि के विषय में अनेको मत-मतान्तर देखे जाते है कुछ इसे स्वयं सिद्ध बताते है तो कही इसकी सिद्धि के निर्देश मिलते है होली,दीवाली तथा नवरात्र आदि प्रमुख त्योहारों पर गोमती चक्र की विशेष पूजा की जाती है-ग्रहण या अमावस्या भी महत्त्वपूर्ण और सिद्धि दायक माने जाते है-

अन्य विभिन्न मुहूर्तों के अवसर पर भी इनकी पूजा लाभदायक मानी जाती है जैसे-गुरुपुष्य योग,सर्वसिद्धि योग तथा रविपुष्य योग पर इनकी पूजा करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है-खासकर मारण,संमोहन,वशीकरण,स्तम्भन,उच्चाटन जैसे प्रयोग में और व्यापार वृद्धि,अचल-स्थिरलक्ष्मी,शत्रु भय,पीड़ा,देह व्याधि,दुस्वप्न जैसे विषयों में इसका प्रयोग अत्यंत प्रभावी देखा गया है लेकिन अभिमंत्रित करने से गोमती चक्र का प्रभाव सौ  गुना बढ़ जाता है -

गोमती चक्र के प्रयोग-

  1. सबसे पहले ये बताना उचित समझता हूँ कि आप जान ले कि गोमती चक्र(Gomati Chakra)क्या है-ये गोमती चक्र कम कीमत वाला एक ऐसा पत्थर है जो गोमती नदी मे मिलता है-विभिन्न तांत्रिक कार्यो तथा असाध्य रोगों में इसका प्रयोग होता है-
  2. असाध्य रोगों को दुर करने तथा मानसिक शान्ति प्राप्त करने के लिये लगभग 10 गोमती चक्र लेकर रात को पानी में डाल देना चाहिऐ तथा सुबह उस पानी को पी जाना चाहिऐ-इससे पेट संबंध के विभिन्न रोग दुर होते है-
  3. यदि शत्रु बढ़ गए हों तो जितने अक्षर का शत्रु का नाम है उतने गोमती चक्र(Gomati Chakra)लेेकर उस पर शत्रु का नाम लिखकर उन्हें जमीन में गाड़ दें तो शत्रु परास्त हो जाएंगे-
  4. प्रमोशन नहीं हो रहा हो तो एक गोमती चक्र लेकर शिव मंदिर में शिवलिंग पर चढ़ा दें और सच्चे ह्रदय से प्रार्थना करें-निश्चय ही प्रमोशन के रास्ते खुल जाएंगे-
  5. यदि गोमती चक्र(Gomati Chakra)को लाल सिंदूर के डिब्बी में घर में रखें तो घर में सुख-शांति बनी रहती है-
  6. यदि पति-पत्नी में मतभेद हो तो तीन गोमती चक्र लेकर घर के दक्षिण में "हलूं बलजाद" कहकर फेंद दें-इश्वेर चाहेगा तो धीरे-धीरे ये मतभेद समाप्त हो जाएगा-
  7. गोमती चक्र(Gomati Chakra)को होली के दिन थोड़ा सिंदूर लगाकर शत्रु का नाम उच्चारण करते हुए जलती हुई होली में फेंक दें-आपका शत्रु भी मित्र बन जाएगा-
  8. यदि किसी का स्वास्थ्य अधिक खराब रहता हो अथवा जल्दी-जल्दी अस्वस्थ होता हो-तो चतुर्दशी को 11 अभिमंत्रित गोमती चक्रों को सफेद रेशमी वस्त्र पर रखकर सफेद चन्दन से तिलक करें फिर भगवान् मृत्युंजय से अपने स्वास्थ्य रक्षा का निवेदन करें और यथा शक्ति महामृत्युंजय मंत्र का जप करें तथा पाठ के बाद छह चक्र उठाकर किसी निर्जन स्थान पर जाकर तीन चक्रों को अपने ऊपर से उसारकर अपने पीछे फेंक दें और पीछे देखे बिना वापस आ जायें बाकि बचे तीन चक्रों को किसी शिव मन्दिर में भगवान् शिव का स्मरण करते हुए शिवलिंग पर अर्पित कर दें और प्रणाम करके घर आ जायें-घर आकर चार चक्रों को चांदी के तार में बांधकर अपने पंलग के चारों पायों पर बांध दें तथा शेष बचे एक को ताबीज का रुप देकर गले में धारण करें-
  9. यदि आपके बच्चे अथवा परिवार के किसी सदस्य को जल्दी-जल्दी नजर लगती हो तो आप शुक्ल पक्ष की प्रथमा तिथि को 11 अभिमंत्रित गोमती चक्र(Gomati Chakra)को घर के पूजा स्थल में मां दुर्गा की तस्वीर के आगे लाल या हरे रेशमी वस्त्र पर स्थान दें -फिर रोली आदि से तिलक करके नियमित रुप से मां दुर्गा को 5 अगरबत्ती अर्पित करें अब मां दुर्गा का कोई भी मंत्र जप करें-जप के बाद अगरबत्ती के भभूत से सभी गोमती चक्रों पर तिलक करें नवमी को तीन चक्र पीड़ित पर से उसारकर दक्षिण दिशा में फेंक दें और एक चक्र को हरे वस्त्र में बांधकर ताबीज का रुप देकर मां दुर्गा की तस्वीर के चरणों से स्पर्श करवाकर पीड़ित के गले में डाल दें- बाकि बचे सभी चक्रों को पीड़ित के पुराने धुले हुए वस्त्र में बांधकर अलमारी में रख दें -
  10. यदि आपको नजर जल्दी लगती हो तो पाँच गोमती चक्र(Gomati Chakra)लेकर किसी सुनसान स्थान पर जायें फिर तीन चक्रों को अपने ऊपर से सात बार उसारकर अपने पीछे फेंक दें तथा पीछे देखे बिना वापस आ जायें - बाकी बचे दो चक्रों को तीव्र प्रवाह के जल में प्रवाहीत कर दें -
  11. यदि आपका बच्चा अधिक डरता हो- तो शुक्ल पक्ष के प्रथम मंगलवार को हनुमान् जी के मन्दिर में जाकर एक अभिमंत्रित गोमती चक्र पर श्री हनुमानजी के दाएं कंधे के सिन्दूर से तिलक करके प्रभु के चरणों में रख दें और एक बार श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें-फिर गोमती चक्र(Gomati Chakra)उठाकर लाल कपड़े में बांधकर बच्चे के गले में डाल दें -
  12. यदि आप कितनी भी मेहनत क्यों न करें परन्तु आर्थिक समृद्धि आपसे दूर रहती हो और आप आर्थिक स्थिति से संतुष्ट न होते हों, तो शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरुवार को 21 अभिमंत्रित गोमती चक्र(Gomati Chakra)लेकर घर के पूजा स्थल में मां लक्ष्मी व श्री विष्णु की तस्वीर के समक्ष पीले रेशमी वस्त्र पर स्थान दें फिर रोली से तिलक कर प्रभु से अपने निवास में स्थायी वास करने का निवेदन तथा समृद्धि के लिए प्रार्थना करके हल्दी की माला से “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय”मंत्र की तीन माला जप करें-इस प्रकार सवा महीने जप करने के बाद अन्तिम दिन किसी वृद्ध तथा 9 वर्ष से कम आयु की एक बच्ची को भोजन करवाकर दक्षिणा देकर विदा करें -
  13. यदि व्यवसाय में किसी कारण से आपका व्यवसाय लाभदायक स्थिति में नहीं हो तो शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरुवार को 3 गोमती चक्र, 3 कौड़ी व 3 हल्दी की गांठ को अभिमंत्रित कर किसी पीले कपड़े में बांधकर धन-स्थान पर रखें -
  14. यदि आपको अचानक आर्थिक हानि होती हो तो किसी भी मास के प्रथम सोमवार को 21 अभिमन्त्रित गोमती चक्रों(Gomati Chakra)को पीले अथवा लाल रेशमी वस्त्र में बांधकर धन रखने के स्थान पर रखकर हल्दी से तिलक करें  फिर मां लक्ष्मी का स्मरण करते हुए उस पोटली को लेकर सारे घर में घूमते हुए घर के बाहर आकर किसी निकट के मन्दिर में रख दें -
  15. यदि आप अधिक आर्थिक समृद्धि के इच्छुक हैं तो अभिमंत्रित गोमती चक्र(Gomati Chakra)और काली हल्दी को पीले कपड़े में बांधकर धन रखने के स्थान पर रखें-
  16. यदि आपके परिवार में खर्च अधिक होता है भले ही वह किसी महत्त्वपूर्ण कार्य के लिए ही क्यों न हो तो शुक्रवार को 21 अभिमन्त्रित गोमती चक्र लेकर पीले या लाल वस्त्र पर स्थान देकर धूप-दीप से पूजा करें अगले दिन उनमें से चार गोमती चक्र(Gomati Chakra)उठाकर घर के चारों कोनों में एक-एक गाड़ दें- 13 चक्रों को लाल वस्त्र में बांधकर धन रखने के स्थान पर रख दें और शेष किसी मन्दिर में अपनी समस्या निवेदन के साथ प्रभु को अर्पित कर दें -
  17. यदि आपके गुप्त शत्रु अधिक हों अथवा किसी व्यक्ति की काली नज़र आपके व्यवसाय पर लग गई हो तो 21 अभिमंत्रित गोमती चक्र(Gomati Chakra)व तीन लघु नारियल को पूजा के बाद पीले वस्त्र में बांधकर मुख्य द्वारे पर लटका दें-
  18. गोमती चक्रों को यदि चांदी अथवा किसी अन्य धातु की डिब्बी में सिंदूर तथा चावल डालकर रखें तो ये शीघ्र शुभ फल देते हैं- सात गोमती चक्रों को शुक्ल पक्ष के प्रथम अथवा दीपावली पर लाल वस्त्र में अभिमंत्रित कर पोटली बना कर धन स्थान पर रखें -
  19. व्यापार वृद्धि के लिए दो गोमती चक्र लेकर उसे बांधकर ऊपर चौखट पर लटका दें और ग्राहक उसके नीचे से निकले तो निश्चय ही व्यापार में वृद्धि होती है-
  20. धन लाभ के लिए 11 गोमती चक्र अपने पूजा स्थान में रखें- उनके सामने श्री नम: का जप करें- इससे आप जो भी कार्य या व्यवसाय करते हैं उसमें बरकत होगी और आमदनी बढऩे लगेगी-
  21. यदि बार-बार गर्भ गिर रहा हो तो दो गोमती चक्र लाल कपड़े में बांधकर कमर में बांध दें तो गर्भ गिरना बंद हो जाता है-
  22. यदि कोई कचहरी जाते समय घर के बाहर गोमती चक्र रखकर उस पर दाहिना पांव रखकर जाए तो उस दिन कोर्ट-कचहरी में सफलता प्राप्त होती है-
  23. चाँदी में जड़वाकर बच्चे के गले में पहना देने से बच्चे को नजर नहीं लगती तथा बच्चा स्वस्थ बना रहता है -
  24. यदि घर में भूत-प्रेतों का उपद्रव हो तो दो गोमती चक्र लेकर घर के मुखिया के ऊपर से घुमाकर आग में डाल दे तो घर से भूत-प्रेत का उपद्रव समाप्त हो जाता है -