Friday, 23 February 2018
जानिए रंगों का आपके जीवन में क्या है प्रभाव
जानिए रंगों का आपके जीवन में क्या है प्रभाव ..... | |
रंगों से बदलें अपनी दुनिया। |
रंगों की अपनी बहुत ही हसीन दुनिया,अपना एक अलग ही महत्व है। रंग हमारे मन की भावनाओं को दर्शाते हैं, हमारे व्यक्तित्व को निखारते हैं,जीवन में खुशी, उमंग, उत्साह जागते हैं। लेकिन क्या आप जानते है कि रंग हमारे भाग्य का भी निर्धारण कर सकते है .....जी हाँ यह बिलकुल ही सत्य है कुछ रंगों से हमें 'पॉजीटिव एनर्जी' मिलती हैं, और कुछ रंग हमारा बनता काम भी बिगाड़ देते है ... इसलिए ज्योतिष पर यकीन रखने वाले अपने जीवन में सफलता हेतु रंगों का विशेष ध्यान रख रहे है और दिन के हिसाब से रंगों का चयन करने में सावधानी बरत रहे हैं।
5. गुरुवार :बृहस्पति वार बृहस्पति देव का, साईं महाराज का दिन है। साईं भगवान और बृहस्पति देव दोनों को ही पीला रंग अति प्रिय है । ब्रहस्पति देव मान - सम्मान के देव भी माने गए है इसलिए इस दिन पीला और सुनहरी रंग का इस्तेमाल करना अत्यंत ही श्रेयकर है । इसके अतिरिक्त गुलाबी, नारंगी भी उत्तम माने गए हैं। लेकिन पीले और सुनहरे रंग के कपड़े पहनने से यह दिन आपके ही नाम रहेगा ।
7. शनिवार : शनिवार के स्वामी न्याय के देव स्वयं शनि महाराज है। शनि देव को काला, नीला, गहरे बैगनी और जामुनी रंग बहुत पसंद है इसलिए आज के दिन इन्ही गहरे रंगों के कपड़े पहनने से शनि देव की कृपा बनी रहती है। इन गहरे रंगों के कपड़े पहनने से व्यक्ति में आत्मविश्वास और संकल्प शक्ति की भावना प्रबल होती है । अत: आप इस दिन इन गहरे रंग पहनने शुरू करें यकीन मानिये आप जिस भी क्षेत्र में कार्यरत है आप अपनी छाप छोड़ने में अवश्य ही सफल होंगे ।
Friday, 26 January 2018
तिजोरी में क्या रखे क्या ना रखे
तिजोरी ( Tijori ) में लाल रंग का कपड़ा बिछाना शुभ रहता है । तिजोरी में रोज़ सुबह शाम धूप,अगरबत्ती अवश्य दिखानी चाहिए ।
तिजोरी ( Tijori ) में शुभ यंत्र जैसे श्रीयंत्र, व्यापार वृद्धि यंत्र, महालक्ष्मी यंत्र, बीसा यंत्र या हत्था जोड़ी की लाल कपडे अथवा चाँदी की प्लेट में स्थापना करने से शुभता बनी रहती है। इन्हें रोज़ धूप अगरबत्ती अवश्य ही दिखाते रहे।
तिजोरी ( Tijori ) में पाँच कौड़ियाँ, पांच कमलगट्टे तथा 5 साबुत हल्दी की गांठें भी अवश्य रखनी चाहिए।
कुछ नोटों में चंदन का इत्र लगाकर उन्हें अपनी तिजोरी में रखे इससे तिजोरी में बरकत बनी रहती है , घर में सुख -समृद्धि बनी रहती है
मोर पंख लेकर उसमें अच्छा गुलाब का इत्र लगाएं। उसके बाद इस मोर पंख को साफ सफेद रेशमी वस्त्र में बांधकर / लपेटकर तिजोरी में रख दें, इस उपाय को करने से तिजोरी कभी भी खाली नहीं होती है।
एक मोती शंख कोे तिलक करके लाल वस्त्र में बांधकर तिजोरी में रख दें। इससे घर में धन की बरकत बनी रहेगी।
अपनी तिजोरी पर स्वास्तिक का चिन्ह भी अवश्य ही अंकित करवाएं, क्योंकि स्वास्तिक के चिन्ह से लक्ष्मी माता प्रसन्न होती हैं और उनकी कृपा से घर , कारोबार में धन की कोई भी कमी नहीं रहती है ।
तिजोरी ( Tijori ) के अंदर के दरवाज़े पर शीशा जरूर लगाएं जिसमें तिजोरी खोलते समय अंदर के धन का प्रतिबिम्ब भी नज़र आता रहे, इससे वृद्धि होती है ।
सभी शुभ मुहूर्तों विशेषकर हर माह के पुष्य नक्षत्र, नवरात्री,धनतेरस, दीपावली आदि में धन स्थान की पूजा निश्चित रूप से करनी चाहिए ।
मार्गशीर्ष महीने में प्रत्येक बृहस्पतिवार और शुक्रवार को भी तिजोरी की पूजा जरूर करनी चाहिए।
Friday, 19 January 2018
मनुष्य की आयु घटाने व बढ़ाने वाले कर्म
मनुष्य की आयु घटाने व बढ़ाने वाले कर्म
हमारे प्राचीन धर्म ग्रंथों के अनुसार हम मनुष्यों की आयु लगभग 100 वर्ष या उससे अधिक मानी गयी है लेकिन वर्तमान समय में हमारे रहन सहन, विचारों, कर्मों के कारण हमारी आयु में लगातार कमी आती जा रही है। हम अपनी आयु को बढ़ाने, निरोगी रहने के तमाम प्रयत्न भी करते है लेकिन ज्यादातर लोगो को इसमें असफलता ही हाथ लगती है ।
इसका प्रमुख कारण हमारे द्वारा रोज किए जाने वाले कुछ ऐसे कार्य हैं, जो शास्त्रों में बिलकुल निषेध है। महाभारत के अनुशासव पर्व में मनुष्य की आयु को घटाने व बढ़ाने वाले हमारे कर्मों के बारे में पूरे विस्तार से बताया गया है।ये महत्वपूर्ण बातें भीष्म पितामाह जी ने युधिष्ठिर जी को बताई थी।
भीष्म पितामह के अनुसार जो व्यक्ति धर्म को नहीं मानते है नास्तिक है, कोई भी कार्य नहीं करते है, अपने गुरु और शास्त्र की आज्ञा का पालन नहीं करते है, व्यसनी, दुराचारी होते है उन मनुष्यों की आयु स्वत: कम हो जाती है। जो मनुष्य दूसरे जाति या धर्म की स्त्रियों से संसर्ग करते हैं, उनकी भी मृत्यु जल्दी होती है।
जो मनुष्य व्यर्थ में ही तिनके तोड़ता है, अपने नाखूनों को चबाता है तथा हमेशा गन्दा रहता है , उसकी भी जल्दी मृत्यु हो जाती है। जो व्यक्ति उदय, अस्त, ग्रहण एवं दिन के समय सूर्य की ओर अनावश्यक देखते है उनकी मृत्यु भी कम आयु में ही हो जाती है।यह बहुत ही छोटी छोटी बातें है जिनका हमें अवश्य ही ध्यान रखना चाहिए ।
शास्त्रों के अनुसार हम सभी मनुष्यों को मंजन करना,नित्य क्रिया से निवृत होना, अपने बालों को संवारना, और देवताओं कि पूजा अर्चना ये सभी कार्य दिन के पहले पहर में ही अवश्य कर लेने चाहिए। जो मनुष्य सूर्योदय होने तक सोता है तथा ऐसा करने पर प्रायश्चित भी नहीं करता है,जो ये समस्त कार्य अपने निर्धारित समय पर नहीं करते, जो पक्षियों से हिंसा करते है वे भी शीघ्र ही काल के ग्रास बन सकते हैं।
शौच के समय अपने मल-मूत्र की ओर देखने वाले, अपने पैर पर पैर रखने वाले, माह कि दोनों ही पक्षों की चतुर्दशी,अष्टमी,अमावस्या व पूर्णिमा के दिन स्त्री से संसर्ग करने वाले व्यक्तियों कि अल्पायु होती है।अत: हमें इनसे अवश्य ही बचना चाहिए ।
सदैव ध्यान दें कि भूसा, कोई भी भस्म, किसी के भी बाल और मुर्दे की हड्डियों,खोपड़ी पर कभीभी न बैठें। दूसरे के नहाने में उपयोग किये हुए जल का कभी भी किसी भी रूप में प्रयोग न करें। भोजन सदैव बैठकर ही करे। जहाँ तक सम्भव हो खड़े होकर पेशाब न करें। किसी भी ,राख तथा गोशाला में भी मल, मूत्र-त्याग न करें। भीगे पैर भोजन तो करें लेकिए भीगे पैर सोए नहीं। उक्त सभी बातों का ध्यान में रखने वाला वाला मनुष्य सौ वर्षों तक जीवन धारण करता है।
जो मनुष्य सूर्य, अग्नि, गाय तथा ब्राह्णों की ओर मुंह करके और बीच रास्ते में मूत्र त्याग करते हैं, उन सब की आयु कम हो जाती है।
मैले, टूटे और गन्दे दर्पण में मुंह देखने वाला, गर्भवती स्त्री के साथ सम्बन्ध बनाने वाला,उत्तर और पश्चिम की ओर सर करके सोने वाला, टूटी, ढीली और गन्दी खाट / पलंग पर सोने वाला, किसी कोने ,अंधेरे में पड़े पलंग, चारपाई पर सोने वाला मनुष्य कि आयु अवश्य ही कम हो जाती है।