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Saturday, 12 May 2018

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हनुमान प्रत्यक्षीकरण साधना.

हनुमानजी को रूद्रावतार भी कहा जाता है। वह भगवान शिव की तरह ही जल्दी ही प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्त की हर इच्छा पूरी करते हैं। यूं तो हनुमानजी को प्रसन्न करने के लिए कई तरीके हैं फिर भी कुछ विशेष तांत्रिक प्रयोगों के द्वारा उनके न केवल दर्शन किए जा सकते हैं वरन उनसे मनचाहा वरदान भी पाया जा सकता है।
हनुमान प्रत्यक्ष दर्शन साधना भी ऎसी ही एक तांत्रिक विधि है जिसके द्वारा हनुमानजी के दर्शन होते हैं। इस साधना को किसी मंदिर या गुप्त स्थान पर ही किया जाता है। यदि किसी नदी के कि नारे एकांत स्थान या पर्वत पर स्थित मंदिर में किया जाए तो ज्यादा बेहतर होता है। कुल मिलाकर साधना का स्थान पूर्णतया पवित्र, शांत और शुद्ध होना चाहिए।
इस साधना के लिए आपको सबसे पहले लाल वस्त्र ले लेने चाहिए। बिना सिले वस्त्र जैसे धोती अधिक उपयुक्त है परन्तु अनिवार्य नहीं है। साथ ही आसन भी लाल ही होना चाहिए। पूजा के लिए लड्डू, सिंदूर, केले, दीपक, धूप, गंगाजल, जल का लोटा दूध, माचिस तथा लाल गुलाब के फूल ले लें।
मंगलवार को उपवास रखें। इसके साथ ही जल के लोटे में दूध मिला दें और उसे जाप करने के बाद पीपल के पेड़ में चढ़ा दे और हनुमानजी के मंदिर में घी का दीपक जला कर साधना के लिए आज्ञा दें। आपको जल्दी ही स्वप्न में या अन्य किसी संकेत द्वारा हनुमानजी की पूजा की आज्ञा मिल जाएगी। यदि नहीं मिलती है तो अपने गुरु से आग्या लेकर साधना करें।
ऊपर बताए अनुसार किसी शांत, शुद्ध और एकान्त स्थान पर जाकर गंगा जल छिड़क कर जगह को पवित्र कर लें। वहां गाय के गोबर लीप कर एक चौका बनालें। उस पर स्वास्तिक का चिन्ह बना कर फूल बिछाएं और उस पर हनुमानजी की मूर्ति, चित्र या यंत्र रखें। इसके बाद आसन पर विराजमान होकर मन ही मन भगवान गणेश और अपने गुरू से पूजा आरंभ करने की आज्ञा लें। इसके बाद आप अपनी साधना आरंभ करें।
दीपक जलाकर, पुष्प अर्पण कर भगवान राम के नाम की एक माला का जाप कर भलीभांति हनुमानजी की पूजा-अर्चना कर नीचे दिए गये (फोटो मे)मंत्र का मूंगे की माला से 3 माला जाप करें और हनुमानजी को भोग अर्पण करें। भोग में तुलसी का पत्ता अवश्य होना चाहिए। ध्यान रहें प्रतिदिन फल और पुष्प ताजा ही लाने चाहिए। इसके साथ ही अपने आसन और हनुमानजी के चारों तरफ राम नाम का जाप करते हुए एक गोल घेरा बना लें। यह घेरा आपकी सभी विध्नों से रक्षा करेगा।
पूजा में इन नियमों का पालन अवश्य करें मंत्र प्रतिदिन रात को 9 से 1 बजे के बीच ही करना है। भोग लगाकर प्रसाद स्वयं खाएं या छोटे लड़कों को बांट दें। साधना 41 दिन चलती है और इसे मंगलवार या गुरूवार को ही शुरू करें। पूरे 41 दिनों के दौरान किसी महिला के संपर्क में न आएं।मन-मस्तिष्क में किसी भी तरह का कोई विकार न आने दें और अपने आपको पूरी तरह से भगवान के चरणों में समर्पित कर दें।
साधना का असर 11 दिन के अंदर ही दिखने लगता है। आपको शुरू में धरती हिलती हुई अनुभव होगी। आपको बड़े ही डरावने और भयावह अनुभव होने लगेंगे परन्तु किसी बात से डरना नहीं है। आप चुपचाप हनुमानजी में ध्यान एकाग्र कर अपने मंत्र जाप करते हैं। भगवान रोजाना आकर अपना प्रसाद लेंगे और खा लेंगे। 41वें दिन भगवान साक्षात प्रकट होकर आपको दर्शन देंगे और मनचाहा वरदान मांगने को कहेंगे। आप उस दौरान उनसे कुछ भी मांग कर अपनी इच्छा पूरी कर सकते हैं।
यह एक अत्यन्त प्रचंड और विलक्षण सिद्धी है। इसे करते समय व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक रूप से मजबूत होना चाहिए। जरा सा भी डर या कमजोरी आदमी को पागल कर सकती है या उसे मार सकती है। इसीलिए यह प्रयोग हर किसी को नहीं करना चाहिए वरन अपने गुरू की आज्ञा और आर्शीवाद लेकर ही करना चाहिए।
लाभ – इस साधना से साधक को अमोघ सिद्धि मिल जाती है।उसे अतुल बल की प्राप्ति होती है और उसके कदम रखते ही घर के सभी भूत आदि भाग जाते है।कोई भी तंत्र उस पे नहीं चलता हनुमान जी उसकी हमेशा रक्षा करते है ।वह किसी के भी भूत भविष्य को जान लेता है और किसी को भी सुरक्षा देने में सक्षम हो जाता है।उसे किसी भी साधना में सुरक्षा मिल जाती है ।और वह कोई भी साधना करते वक़्त भय नहीं करता । और भी इसके बहुत लाभ है जो आप स्वयं कर के अनुभव कर सकते है ।एक विषेश बात हनुमानजी आते है और दर्शन देते है सिर्फ विश्वास बनाये रखिये।

मूल मंत्र ॐ यं ह्रीं वायुपुत्राय एही एही आगच्छ आगच्छ आवेशय आवेशय रामचंद्र आज्ञापयति स्वाहा। 

प्रेत बाधा से मुक्ति

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प्रेत बाधा से मुक्ति

प्रेत को रोकें, वशीभूत करें, भगाएं – कब और कैसे- ऐसा हम सब लोगों के साथ होता है की ज़िन्दगी के किसी मोड़ पर हमारा सामना ऐसी समस्याओं से होता है जिनमें मामूली बुद्धि और ज्ञान काम नहीं करता। यह खासे तौर पर तब होता है जब हमारे जान-पहचान में कोई भूत-प्रेत से पीड़ित हो। जब आपके करीबी या फिर खुद पर ही किसी बुरे प्रेत या भूत की छाया पर जाये तो आखिर क्या करना चाहिए?
किस तरह के कदम उठाना उचित है जिससे प्रेत भी जाये या वशीभूत हो और हमें या हमारे करीबी लोगों को कष्ट न उठाना पड़े? शास्त्रों में इन भूत, प्रेत, पिशाच, ब्रह्मराक्षस, जिन्न और चुड़ैल आदि के बारे में बहुत पुराने ज़माने से वर्णन है। यह मान्यता है की यह सब शमशान, कब्रिस्तान, खंडहर, खाली पड़ी इमारतों और तालाब, जंगल में पाए जाते हैं। इनमें सब का व्यव्हार इंसान पर अलग-अलग होता है।
इन सब सवालों पर मैंने गौर कर के कुछ उपाय और तरीके ढूंढे हैं जो मैं अभी आपके समक्ष रखूँगा, इनसे आप लाभ उठा सकते हैं। कोई बुरी छाया से होनी वाली परेशानी को भी दूर कर पा सकते हैं। हालाँकि सब की सब एक जैसी न होकर अलग-अलग प्रभाव डालती हैं, कुछ कार्य में विघ्न डालती हैं, कुछ घर में लोगों को परेशां करती हैं, कुछ छोटे-बूढ़ों को चपेट में ले लेती हैं।
पहला और सबसे कारगर उपाय – इन सब कामों के लिए शनिवार सबसे उत्तम दिन माना जाता है। तो शनिवार के दिन कुछ बाजरा ले कर उसकी दलिया बना लें, चीनी की जगह ग़ुड़ का इस्तेमाल करें, मीठा बनाने के लिए। इस पकवान को एक मिटटी की हांडी में रख दें और सूर्यास्त होने का इंतज़ार करें, फिर पीड़ित व्यक्ति के पास जाकर उसके ऊपर हांड़ी बांये से दांये ओर घुमाकर हांडी किसी सुनसान चौराहे पर रख आएं।
यह करते वक्त एक बात का ध्यान रखें की हांडी घुमाकर चौराहे ले जाते वक़्त कोई मिले तो बात न करें, पीछे मुड़कर कतई न देखें एवं हांड़ी रखकर घर आते वक़्त भी अगर कोई मिले तो बात न करें, सीधा घर पहुंचें।
इस टोटके के बाद आप पाएंगे की पीड़ित व्यक्ति पर असर होगा और वह ठीक होने लगेगा।
एक और उपाय है जिससे भूत-प्रेत आपका घर छोड़कर भागेंगे – थोड़ी सी भगवान् को दिखाकर धूनी जलाएं, दो वक़्त जलाएं – सुबह और शाम। अगर आप इसे और कारगर बनाना चाहते हैं तो कंडा जलाएं, उसमें लोहबान मिला लें और गूगल भी मिला लें, इस मिश्रण का धुंआ जब आप पूरे घर में फैलाएंगे तो असर होगा ही होगा।
भूत की बाधा को हटाने के लिए आप किसी अच्छे ज्योतिषी के पास जा सकते हैं जो आपकी कुंडली देख कर यह निश्चित कर पायेगा की प्रेत और पिशाच योग हैं की नहीं, पितरों को कोई दिक्कत हो।वह भी परेशान हो सकते हैं। वह दृष्टि और दिशा देख कर यह सुनिश्चित कर लेंगे की सही उपाय क्या है।
अगर ज्योतिषी आपकी बात से सहमत है की कुछ बात है तो आप तांत्रिक के पास जाएं और उससे अनेक उपायों और दीक्षायों में से जो उचित हो लें। अगर ज्योतिषी कहे की कुछ नहीं है तो तांत्रिक के पास नहीं जाना सही है।
अथर्व वेद में भी इन बुरी छायाओं का वर्णन है, आप कोई हवन कराकर घर को पवित्र करा सकते हैं। घर पे कथा करने का निश्चय लेना भी ठीक है। ॐ से अभिमंत्रित माला पहनना अच्छा रहता है एवं रुद्राक्ष की मालाएं भी बहुत अच्छी रहती है।
घर के बाहर भी ॐ से अभिमंत्रित प्रतीक रखना घर के लिए अच्छा रहता है, आप रोज़ तिलक ज़रूर लगाएं – चाहे चन्दन का हो या केसर का या भभूत का। हाथ में कलावा/मौली भी ज़रूरी होनी चाहिए।
सबसे कारगर रात दीपावली की होती है, इस रात को अगर आप घी के दिये से काजल बना लें और पूरे साल लगाएं तो कोई भी भूत-प्रेत, वशीकरण आदि काम नहीं करेगा।
घर पर जब रात्रि शुरू हो और आप ने खाना खा लिया हो तब आप लौंग और घी को पूजा स्थल पर जला दें, इससे बहुत सारे फायदे होते हैं – आध्यात्मिक और भौतिक।
नक्षत्रों में एक नक्षत्र पुश्य का होता है, इस नक्षत्र में धतूरे का पेंड़ उखाड़ कर मिटटी में गाड़ दें। ऐसा गाड़ें की जड़ ऊपर रहे और पौधा नीचे डाब जाये। घर में सुख शांति बन जाएगी।
भूत-प्रेत को भागने के लिए हनुमान जी का एक मंत्र है, इसका जाप करें तो फायदा होगा –
“ऊँ ऐं ह्रीं श्रीं ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रैं ऊँ नमो भगवते महाबल पराक्रमाय भूत-प्रेत पिशाच-शाकिनी-डाकिनी-यक्षणी-पूतना-मारी-महामारी, यक्ष राक्षस भैरव बेताल ग्रह राक्षसादिकम्‌ क्षणेन हन हन भंजय भंजय मारय मारय मारय शिक्षय शिक्षय महामारेश्वर रुद्रावतार हुं फट् स्वाहा।”
हनुमान चालीस का पाठ करने से भी बहुत असर होगा, आप इसका रोज़ पाठ करें, हो सके तो इसे याद कर लें।
माँ काली की पूजा रोज़ सुबह फूल और अन्य सामग्री के साथ करें और शाम को भी पूजा-अर्चना करें। उनसे प्रार्थना करें की वह आपकी, आपके घर वालों की और घर की रक्षा करें।
गणेश जी की पूजा रोज़ करने से लाभ होता है, रोज़ एक मुट्ठी चावल दान करें एक वर्ष तक, फल अवश्य मिलेगा।
अशोक पेंड़ के कुछ पत्ते लें और उन्हें पूजा में इस्तेमाल करें, जब वे सूख जाएं तो उन्हें पीपल के पेंड़ के नीचे रख आएं, यह कार्य नियमित रूप से करने से फल मिलता है।
अमावस्या के दिन कभी भी मांस और मदिरा का सेवन कतई न करें।
इस तरह मैंने आपके समक्ष कुछ ऐसे सरल, सहज और सटीक उपाय रखे हैं जो करने में न तो ज़्यादा मेहनत मांगते हैं और न ही कोई ज़्यादा पूँजी। आप पूजा-पाठ में भी विलीन रहेंगे और टोना-टोटका कर के भूत-प्रेत वशीभूत कर उसे भगा पाएंगे।
भूत-प्रेत को भी जीने का अधिकार होता है, इसीलिए वह इस दुनिया में हमारे साथ है, उसे भी हमारे साथ अपनी रोटी सेंकनी होती है – बस करना यह होता है की न वो हमारे काम में दखल दे और न हम उसके काम में बाधा बने।  ताकि दोनों की दुनिया परस्पर मेल से बिना एक दूसरे को हानि पहुंचाए अपना जीवन व्यतीत कर सके।
भूत-प्रेत को भागने के अलावा भी आप इन टोटकों को कभी-कभी करें, ताकि भूत-प्रेत से बचने का कार्य भी होता रहे।

रोगों से छुटकारा पाने के उपाय

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रोगों से छुटकारा पाने के उपाय

शरीर में किसी भी तरह का रोग हमारे लिए बड़ी परेशानी का कारण बन सकता है. इसलिए जब भी शरीर को कोई रोग जकड़ ले तब शीघ्र ही रोगों से छुटकारा पाने के उपाय करने चाहिए. समय पर अगर आप बीमारी दूर करने का टोटका करते हैं तो आप किसी भी रोग से जल्द ही मुक्ति पा सकते हैं. अगर आपके घर में कोई भी संबंधी बीमार है तो आप इन रोग मुक्ति के उपायों का सहारा ले सकते हैं. बीमार व्यक्ति को बीमारी से छुटकारा पाने के लिए अपने सिरहाने में एक रुपए के सिक्के को रखना चाहिए. सुबह उठने पर इस सिक्के को श्मशान में जाकर फैंक देना चाहिए. इस उपाय को करने से रोगों से मुक्ति मिलती है और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है|
आप आक की जड़ के प्रयोग से बुखार ठीक कर सकते हैं. आक के पौधे को उखाड़कर उसकी जड़ अलग करें. फिर इस जड़ को किसी कपड़े में लेकर बांध दें. जिस भी व्यक्ति को बुखार चड़ा हो उसके कान से इस कपड़े को बांध देने से उसका बुखार उतर जायेगा. यकृत संबंधी विकार से बचने के लिए रोज सुबह रात को लोटे अथवा गिलास में रखा हुआ पानी पीयें. इसके साथ ही दिनभर भी जल पीने के उपरांत अपने लोटे या गिलास को उल्टा करके रखें. इस छोटे से प्रयोग की मदद से आपको रोगों से लड़ने की ताकत मिलेगी.
ह्रदय के रोगों तथा ब्लड प्रेशर के रोगों से मुक्ति के लिए आप रुद्राक्ष का प्रयोग किया जा सकता है. इस प्रयोग को करने के लिए पंचमुखी, सप्तमुखी या ग्यारहमुखी रुद्राक्ष लेकर इसे गंगाजल छिड़क कर पवित्र करें और सोमवार को शिव मंदिर में रखें. इसके बाद आप शिवजी को “ओम नमह शिवाय” का जाप करते हुए दूध अर्पित करें. अब रुद्राक्ष को किसी काले रंग के धागे में पिरो कर उसे धारण कर लें या जो व्यक्ति किसी ह्रदय रोग या ब्लड प्रेशर का शिकार है उसके गले में डाल दें. ह्रदय रोगों से छुटकारा पाने के उपाय में ये बहुत ही कारगर उपाय है.
बीमारी दूर करने का टोटका
रोगों से छुटकारा पाने के उपाय में इस उपाय को करने से आपको आरोग्य की प्राप्ति होती है. आप 5 कपास के फूल लेक कर उन्हें साफ़ करने के बाद आधा कप जल लेकर उसमे शाम को भिगों दें. सुबह उठ कर फूलों को बाहर दें और जल को पी जाएँ. घर में बीमारी रहती है और घर के सदस्यों को बुरे सपने आते हैं तो रात को घर में कपूर जला दें. इस आसन से प्रयोग से आपके घर में शांति व्याप्त हो जाएगी. ऐसा करने से पितृ दोष शांत हो जाता है और घर के सदस्य निरोग रहने लगते हैं.
अगर आप बीमारी, गृह-क्लेश और धन हानि से मुक्ति चाहते हैं तो चांदनी रात में पूर्णिमा को खीर पका कर पितरों को भोजन अर्पित करें. इसके पश्चात थोड़ी सी खीर काले रंग कुत्तों को भी खिलाएं. अगर आप किसी भी रोग से मुक्ति प्राप्त करना चाहते हैं तो हर दिन आपने भोजन से चौथाई भाग किसी कुत्ते या गाय को खिलाएं. आप रोग से मुक्ति के लिए हर शनिवार और मंगलवार को इमरती लेकर ख़ुद से ऊपर से वारकर कुत्ते को खिलाएं. ये  रोगों से छुटकारा पाने के उपाय 7 सप्ताह लगातार करने पर आपको बीमारी से मुक्ति मिल जाएगी.
रोग मुक्ति उपाय/मंत्र
रोग मुक्ति के उपाय में आप इस आसान से प्रयोग को भी कर सकते हैं. इसके लिए आप गोबर के कंडे और लड़की को जला कर राख बना लें. इस इस राख को मिला लें और गुंथकर एक गोला बना लें. अब इसमें एक सिक्का और एक कील गाड़ दें. इस गोले के ऊपर काजल और रोली का प्रयोग करते हुए सात निशान बनायें. इस प्रकार बने गोले को कंडा लेकर उसपर रखें और बीमार व्यक्ति के शरीर के उपर से 7 बार वारकर चुपचाप किसी चौराहे पर रखकर आ जाएँ.
रोगों से छुटकारा पाने के उपाय
अगर रोगों से छुटकारा पाने के उपाय करना चाहते हैं तो इस प्रयोग को ज़रूर आजमायें. इसके लिए आप सवा 2 किलो बाजारा लेकर इसे शनिवार को दोपहर में पकाएं. पकाते हुए इसके अंदर आप थोड़ा सा गुड़ दाल दें और किसी मिट्टी की हांड़ी में भरकर रख दें. शाम होने पर इस हांड़ी को लेकर रोगी के बदन पर से बाएं से दायें की तरफ़ घुमाएँ और फिर चौराहे पर चुपचाप रखकर आ जाएँ. घर आते वक्त आप पीछे न देखें तथा किसी से रास्ते में बात न करें. अगर घर का कोई सदस्य हमेशा बीमार रहता हो तो उसके सिरहाने पर मुसल या झाड़ू उसके ऊपर से उतारने के बाद रख दें. इस आसन से प्रयोग रोग से छुटकारा मिलता है.
किसी भी रोगी को अगर रोग छोड़ नही रहा है तो आप रोगों से छुटकारा पाने के उपाय के अंतर्गत ये उपाय करें. आप सरसों का तेल गर्म करें इसके बाद इसके भीतर चमड़े का एक टुकड़ा दाल दें. इसके बाद इसे दोबारा गर्म करें और इसके भीतर एक फिटकरी, एक नीम्बू, लाल रंग की कांच की चूड़ी और एक कील डाल दें. अब इस तेल को किसी मिट्टी के पात्र में इकठ्ठा कर लें. अब इसे रोगी के माथे पर से उतारा देकर किसी सुनसान जगह पर गाड़ कर आ जाएँ. ये प्रयोग रोगी को ठीक करने में बहुत ही उपयोगी सिद्ध होगा. अगर आपके घर में किसी व्यक्ति का रोग बहुत प्रयास करने पर भी नही जा रहा है तो ये उपाय ज़रूर करें. इसके लिए आप रोगी के वजन की मात्रा में गेहूं लेकर उसे किसी ज़रूरत मंद व्यक्ति को दान में दे दें. ये उपाय रविवार के दिन करना चाहिए. ये प्रयोग रोगी को रोग से मुक्ति दिलाने में काफी उपयोगी सिद्ध हुआ है.
रोग निवारण मंत्र/यंत
अगर घर में कोई व्यक्ति बीमार हो तो रोगों से छुटकारा पाने के उपाय करने के अंतर्गत इन बातों का भी ध्यान रखें. आप रोगी को दक्षित दिशा की और सिर रखकर सोने को कहें. रोगी को हमेशा उत्तर या पूर्व दिशा की और मुख करके खाना खाना चाहिए. इसके अलावा दवाई-गोली और औषधि आपको हमेशा उत्तर-पूर्वी कोने में ही रखें. ये रोगों से छुटकारा पाने के उपाय आपके घर में आरोग्य को स्थापित करने में उपयोगी हैं साथ ही अगर आपके घर में बीमारी है तो उससे आपको मुक्ति दिलाने में असरदार हैं.
जब भी आपके घर में कोई व्यक्ति बीमार होता है तो आपको उस बीमारी को दूर करने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए. आप किसी डॉक्टर की सलाह से बीमारी का पता लगायें और उसके द्वारा दिए गए सुझावों को ख़ास रूप से अमल में लायें. रोगों से छुटकारा पाने के उपाय करने के बाद रोग शांत हो जाते हैं लेकिन अगर हालत नियंत्रण से बाहर हों तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.