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Saturday 12 May 2018

प्रेत बाधा से मुक्ति

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प्रेत बाधा से मुक्ति

प्रेत को रोकें, वशीभूत करें, भगाएं – कब और कैसे- ऐसा हम सब लोगों के साथ होता है की ज़िन्दगी के किसी मोड़ पर हमारा सामना ऐसी समस्याओं से होता है जिनमें मामूली बुद्धि और ज्ञान काम नहीं करता। यह खासे तौर पर तब होता है जब हमारे जान-पहचान में कोई भूत-प्रेत से पीड़ित हो। जब आपके करीबी या फिर खुद पर ही किसी बुरे प्रेत या भूत की छाया पर जाये तो आखिर क्या करना चाहिए?
किस तरह के कदम उठाना उचित है जिससे प्रेत भी जाये या वशीभूत हो और हमें या हमारे करीबी लोगों को कष्ट न उठाना पड़े? शास्त्रों में इन भूत, प्रेत, पिशाच, ब्रह्मराक्षस, जिन्न और चुड़ैल आदि के बारे में बहुत पुराने ज़माने से वर्णन है। यह मान्यता है की यह सब शमशान, कब्रिस्तान, खंडहर, खाली पड़ी इमारतों और तालाब, जंगल में पाए जाते हैं। इनमें सब का व्यव्हार इंसान पर अलग-अलग होता है।
इन सब सवालों पर मैंने गौर कर के कुछ उपाय और तरीके ढूंढे हैं जो मैं अभी आपके समक्ष रखूँगा, इनसे आप लाभ उठा सकते हैं। कोई बुरी छाया से होनी वाली परेशानी को भी दूर कर पा सकते हैं। हालाँकि सब की सब एक जैसी न होकर अलग-अलग प्रभाव डालती हैं, कुछ कार्य में विघ्न डालती हैं, कुछ घर में लोगों को परेशां करती हैं, कुछ छोटे-बूढ़ों को चपेट में ले लेती हैं।
पहला और सबसे कारगर उपाय – इन सब कामों के लिए शनिवार सबसे उत्तम दिन माना जाता है। तो शनिवार के दिन कुछ बाजरा ले कर उसकी दलिया बना लें, चीनी की जगह ग़ुड़ का इस्तेमाल करें, मीठा बनाने के लिए। इस पकवान को एक मिटटी की हांडी में रख दें और सूर्यास्त होने का इंतज़ार करें, फिर पीड़ित व्यक्ति के पास जाकर उसके ऊपर हांड़ी बांये से दांये ओर घुमाकर हांडी किसी सुनसान चौराहे पर रख आएं।
यह करते वक्त एक बात का ध्यान रखें की हांडी घुमाकर चौराहे ले जाते वक़्त कोई मिले तो बात न करें, पीछे मुड़कर कतई न देखें एवं हांड़ी रखकर घर आते वक़्त भी अगर कोई मिले तो बात न करें, सीधा घर पहुंचें।
इस टोटके के बाद आप पाएंगे की पीड़ित व्यक्ति पर असर होगा और वह ठीक होने लगेगा।
एक और उपाय है जिससे भूत-प्रेत आपका घर छोड़कर भागेंगे – थोड़ी सी भगवान् को दिखाकर धूनी जलाएं, दो वक़्त जलाएं – सुबह और शाम। अगर आप इसे और कारगर बनाना चाहते हैं तो कंडा जलाएं, उसमें लोहबान मिला लें और गूगल भी मिला लें, इस मिश्रण का धुंआ जब आप पूरे घर में फैलाएंगे तो असर होगा ही होगा।
भूत की बाधा को हटाने के लिए आप किसी अच्छे ज्योतिषी के पास जा सकते हैं जो आपकी कुंडली देख कर यह निश्चित कर पायेगा की प्रेत और पिशाच योग हैं की नहीं, पितरों को कोई दिक्कत हो।वह भी परेशान हो सकते हैं। वह दृष्टि और दिशा देख कर यह सुनिश्चित कर लेंगे की सही उपाय क्या है।
अगर ज्योतिषी आपकी बात से सहमत है की कुछ बात है तो आप तांत्रिक के पास जाएं और उससे अनेक उपायों और दीक्षायों में से जो उचित हो लें। अगर ज्योतिषी कहे की कुछ नहीं है तो तांत्रिक के पास नहीं जाना सही है।
अथर्व वेद में भी इन बुरी छायाओं का वर्णन है, आप कोई हवन कराकर घर को पवित्र करा सकते हैं। घर पे कथा करने का निश्चय लेना भी ठीक है। ॐ से अभिमंत्रित माला पहनना अच्छा रहता है एवं रुद्राक्ष की मालाएं भी बहुत अच्छी रहती है।
घर के बाहर भी ॐ से अभिमंत्रित प्रतीक रखना घर के लिए अच्छा रहता है, आप रोज़ तिलक ज़रूर लगाएं – चाहे चन्दन का हो या केसर का या भभूत का। हाथ में कलावा/मौली भी ज़रूरी होनी चाहिए।
सबसे कारगर रात दीपावली की होती है, इस रात को अगर आप घी के दिये से काजल बना लें और पूरे साल लगाएं तो कोई भी भूत-प्रेत, वशीकरण आदि काम नहीं करेगा।
घर पर जब रात्रि शुरू हो और आप ने खाना खा लिया हो तब आप लौंग और घी को पूजा स्थल पर जला दें, इससे बहुत सारे फायदे होते हैं – आध्यात्मिक और भौतिक।
नक्षत्रों में एक नक्षत्र पुश्य का होता है, इस नक्षत्र में धतूरे का पेंड़ उखाड़ कर मिटटी में गाड़ दें। ऐसा गाड़ें की जड़ ऊपर रहे और पौधा नीचे डाब जाये। घर में सुख शांति बन जाएगी।
भूत-प्रेत को भागने के लिए हनुमान जी का एक मंत्र है, इसका जाप करें तो फायदा होगा –
“ऊँ ऐं ह्रीं श्रीं ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रैं ऊँ नमो भगवते महाबल पराक्रमाय भूत-प्रेत पिशाच-शाकिनी-डाकिनी-यक्षणी-पूतना-मारी-महामारी, यक्ष राक्षस भैरव बेताल ग्रह राक्षसादिकम्‌ क्षणेन हन हन भंजय भंजय मारय मारय मारय शिक्षय शिक्षय महामारेश्वर रुद्रावतार हुं फट् स्वाहा।”
हनुमान चालीस का पाठ करने से भी बहुत असर होगा, आप इसका रोज़ पाठ करें, हो सके तो इसे याद कर लें।
माँ काली की पूजा रोज़ सुबह फूल और अन्य सामग्री के साथ करें और शाम को भी पूजा-अर्चना करें। उनसे प्रार्थना करें की वह आपकी, आपके घर वालों की और घर की रक्षा करें।
गणेश जी की पूजा रोज़ करने से लाभ होता है, रोज़ एक मुट्ठी चावल दान करें एक वर्ष तक, फल अवश्य मिलेगा।
अशोक पेंड़ के कुछ पत्ते लें और उन्हें पूजा में इस्तेमाल करें, जब वे सूख जाएं तो उन्हें पीपल के पेंड़ के नीचे रख आएं, यह कार्य नियमित रूप से करने से फल मिलता है।
अमावस्या के दिन कभी भी मांस और मदिरा का सेवन कतई न करें।
इस तरह मैंने आपके समक्ष कुछ ऐसे सरल, सहज और सटीक उपाय रखे हैं जो करने में न तो ज़्यादा मेहनत मांगते हैं और न ही कोई ज़्यादा पूँजी। आप पूजा-पाठ में भी विलीन रहेंगे और टोना-टोटका कर के भूत-प्रेत वशीभूत कर उसे भगा पाएंगे।
भूत-प्रेत को भी जीने का अधिकार होता है, इसीलिए वह इस दुनिया में हमारे साथ है, उसे भी हमारे साथ अपनी रोटी सेंकनी होती है – बस करना यह होता है की न वो हमारे काम में दखल दे और न हम उसके काम में बाधा बने।  ताकि दोनों की दुनिया परस्पर मेल से बिना एक दूसरे को हानि पहुंचाए अपना जीवन व्यतीत कर सके।
भूत-प्रेत को भागने के अलावा भी आप इन टोटकों को कभी-कभी करें, ताकि भूत-प्रेत से बचने का कार्य भी होता रहे।

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