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Saturday, 12 May 2018

औषधि

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यदि शरीर के किसी हिस्से में काँटा चुभ गया हो तो उस स्थान पर हींग का घोल भर दें। कुछ समय में काँटा स्वतः निकल आएगा।
दाँतों में कीड़ा लग जाने पर रात्रि को दाँत में हींग दबाकर सोएँ। कीड़े खुद-ब-खुद निकल जाएँगे।
हींग में रोग-प्रतिरोधक क्षमता होती है। दाद, खाज, खुजली व अन्य चर्म रोगों में इसको पानी में घिसकर उन स्थानों पर लगाने से लाभ होता है।
हींग का लेप बवासीर, तिल्ली व उदरशोथ में लाभप्रद है।
कब्जियत की शिकायत होने पर हींग के चूर्ण में थोड़ा सा मीठा सोड़ा मिलाकर रात्रि को फाँक लें, सबेरे शौच साफ होगा।
पेट के दर्द, अफारे, ऐंठन आदि में अजवाइन और नमक के साथ हींग का सेवन करें तो लाभ होगा।
पेट में कीड़े हो जाने पर हींग को पानी में घोलकर एनिमा लेने से पेट के कीड़े शीघ्र निकल आते हैं।
जख्म यदि कुछ समय तक खुला रहे तो उसमें छोटे-छोटे रोगाणु पनप जाते हैं। जख्म पर हींग का चूर्ण डालने से रोगाणु नष्ट हो जाते हैं।
प्रतिदिन के भोजन में दाल, कढ़ी व कुछ सब्जियों में हींग का उपयोग करने से भोजन को पचाने में सहायक होती है।



Ruchi Sehgal

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