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Friday, 18 May 2018

भूत प्रेत छाया आदि को दूर करने

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भूत प्रेत छाया आदि को दूर करने के लिए एक साबर मंत्र

इस मंत्र का जप ग्रहण काल में 108 बार कर सिद्ध कर लें और जब भी कोई ऐसी स्थिति आए या किसी को भूत बाधा आदि हो तो 7 बार पढ़ कर मोर पंखो से झाड दें, उसकी बाधा  शांत हो जाएगी | अगर व्यक्ति स्वयं इस जाल में फस गया हो, कुछ समझ नहीं आ रहा हो तो भी यह मंत्र को सिद्ध करलें तो प्रेत आदि उसको छोड़ कर भाग जाते हैं | अगर कोई पास न हो तो थोड़े चावल इस मंत्र से पढ़ के दें और उसे जल में स्नान करते वक़्त जल में डाल लें तो भी यह बाधा से मुक्ति मिल जाती है | मंत्र सिद्ध है इसे प्रयोग करके के बाद में प्रसाद जरूर बाँट दें और इस मंत्र से होम करने से घर में सभी बाधाएं शांत हो जाती हैं | वस्त्र कोई भी पहन लें | दिशा उतर ठीक है | धूप आदि जलता रहे | जल पास रखें और बाद में किसी पेड़ को डाल दें |

मंत्र

ॐ नमो आदेश गुरुको |

हरी बाये हरी दाये हरी हर बे बिस्तार ,

आगे पीछे हरी खड़े राखे सिरजन हार ||

चमकत बिजली गरजत श्री नर सिंह |

फटंत खभ आपदा काल राख चार चक्र ले |

नर सिंह जी के आगे मेलु इतना सो दूर जाये

पड़े प्राण काल कंटक छल, छिद्र, खेचरी, भूचरी,

भूत, दानव, नाटक चेटक, मार मार वंडी को 360,

टलंत नर सिंह पलंट काया, भगत हेत श्री नर सिंह जी आया,

कपल केश ऊरदव रूप, श्री नर सिंह बली सदा सहाए |

श्री गुरु गोबिन्द के चरणरविंद नमस्ते ||

मेरी भगती गुरु की शक्ति फुरे मंत्र ईश्वरो वाचा ||



Ruchi Sehgal

Hastakshar Sidhi Vidhan

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हस्ताक्षर सिद्धि साधना |

आपके हस्ताक्षर में छुपा है आपकी सक्सेस का राज | कभी सोचा कि आप लाख प्रयत्न करते हो, बहुत मेहनत के बाद भी आपकी अर्जी ठुकरा दी जाती है, जॉब नहीं मिल पाती और अच्छे मार्क लेने के बावजूद भी आपको सीट नहीं मिल पाती | कुछ लोग इसे भाग्य का दोष मान लेते हैं, कुछ मजबूरी | बहुत सोचने के बाद एक विधान की खोज की और हमारे हजारों ऋषि इन विधाओं की खोज करते आ रहे हैं | आज हस्ताक्षर विज्ञान को भी मान्यता प्राप्त है | बस जरूरत है इसे समझने की | मैं यहाँ एक ऐसा ही विधान दे रहा हूँ | आशा करता हूँ कि यह आपके जीवन में बहुत चेंज लाएगा और सफलता आपके कदम चूमेगी | इस विधान से आप अपना मनोरथ सिद्ध करें और यह विधान पहली बार आपके सामने रख रहा हूँ |

कैसे करें हस्ताक्षर सिद्ध?

हमारे शाश्त्रों में ऐसे बहुत से विधान हैं | एक बार मैं एक ऐसे संत से मिला और इस विषय पर चर्चा की, तब उन्होंने कहा कि कुछ पूर्व जन्म के या इस जन्म के ऐसे कर्म होते हैं जो आप में कई प्रकार के दोष उत्पन्न कर देते हैं | आप कई  ज्योतिषियों के पास जाते हैं, भाग्य का रोना रोते हैं लेकिन सफलता नहीं मिलती | आप अपने हाथ से जो कर्म करते हैं  मगर उसका फल नहीं मिलता वो चाहे कोई दान हो या  साधना कर्म | बहुत माला फेरने पर भी सिद्धि बहुत बार दूर ही रहती है | यही नहीं आप अपने हाथ से किसी को द्वा देते हैं तो वो भी असर नहीं करती | ऐसा तब होता है जब आपके गृह आपके अनुकूल न हों या आपके कर्म में दोष हो | फिर कैसे करें कोई कर्म जब असर ही न मिलता हो | इसमें भाग्य को दोष देना ठीक नहीं | दान, जप, पूजा, पाठ आदि के कर्म  करने पर भी हमारी स्थिति वहीँ की वहीँ रहती है | गुरु तो शिष्य का शापोधार कर देते हैं पर आज के युग में बहुत कम ज्ञाता होते हैं जो ऐसी क्रिया करते हैं | तभी उन्होंने मुझे एक ऐसे विधान के बारे में बताया जिससे अपने हस्त की सिद्धि हो और हस्त सिद्ध होने के बाद उससे लिखा मंत्र यंत्र आदि कार्य करता ही है और हर साधना कर्म का मिलता है क्योंकि जब आपका हस्त ही सिद्ध हो गया तो पीछे रह भी क्या जाता है | ऐसा बहुत सिद्ध लोग करते हैं कि उनके द्वारा किया गया कर्म फलीभूत हो और वो अपने भक्तों को जो भी आशीष दें  वो सफल हो | वो जो भी साधना आदि करें उसमें सफलता मिले, जो भी यंत्र आदि लिखे वो स्वयं सिद्ध हो | मैंने वो कर्म किया और महसूस किया कि वाकई ही ऐसा हो सकता है | अगर हम भाग्य के सहारे ही बैठे रहे तो जन्म लेने का क्या फायदा क्योंकि यह कर्म प्रधान समाज है | अगर कर्म ही फलीभूत न हो तो सोचने की बात है कि कोई तो दोष है जो आपके साधना कर्म को फलीभूत होने नहीं देता | यह आपके हस्त का दोष भी हो सकता है | इसलिए ऐसे विधान बहुत कम मिलते हैं जो आपको हस्त सिद्धि करा दें और आपके द्वारा किया गया हर साधना कर्म, पूजा पाठ या किसी के लिए लिखा गया कोई यंत्र सफलता से काम करे | मैं समझता हूँ यह विज्ञान गुरुगम्य होने के कारण यहाँ जाहिर करना ठीक नहीं | इस विषय पर कभी गुरु इच्छा हुई मिलने पर चर्चा करेंगे और इसके गुप्त पहलू को समझने की कोशिश करेंगे  और इसे सिद्ध कर अपने जीवन को एक नई दिशा देंगे | आशा करता हूँ गुरु वो समय जल्दी लायें क्योंकि इन्टरनेट पर  ऐसे गूढ़ विषय देने से कॉपी होकर कई वेबसाइट पर चले जाते हैं और ज्ञान का गुप्त तथ्य इन कॉपी पेस्ट वालों के नाम के बीच ही गुम हो जाता है फिर भी बहुत सोचने के बाद एक ऐसा विधान दे रहा हूँ जो आपके हस्ताक्षर सिद्ध कर देता है और जो भी आप अर्जी आदि लिख कर हस्ताक्षर कर देते हैं, उसे स्वीकारा ही जाता है और आपकी मनोकामना पूरी हो जाती है | जो भी अर्जी आदि लिखी होती है उसे मंजूरी मिल जाती है | नागेन्द्रनंद |

विधि

सबसे पहले आप चन्दन की स्याही बनायें और एक अनार की कलम का बंदोबस्त करें | फिर आप गुरु पूजन और गणेश पूजन करें और कलम का पूजन भी करें | एक पेपर पर  स्वस्तिक का चिन्ह बनायें और उस चिन्ह के नीचे 2100 बार  अपने हस्ताक्षर लिखें जो आपने चन्दन की स्याही से कागज पर लिखने हैं | रोज जितने लिख सको उतने ही आटे में मिला कर गोलियां बना कर मछली को मंत्र पढ़ते हुए डाल दें  या पहले लिख लें, जब पूरे हो जाएँ Hतो उसकी 2100 गोली बना लें आटे की और ध्यान रहे लिखे हस्ताक्षर को आटे में मिला कर गूँथ कर गोलियां बनानी हैं | फिर आप किसी नदी या तालाब पर जाकर निम्न मंत्र का जप करते हुए गोलियां  मछली को डाल देनी हैं |

जब आपके 2100 2100 बार पूरे हो जाएँ तो किसी ब्राह्मण आदि को भोजन करा कर आशीर्वाद ले लें | इस तरह आपकी साधना पूरी हो जाएगी और आपके हस्ताक्षर चलने लगेंगे, मतलब आपको सक्सेस देने लगेंगे | तो सोच क्या रहे हैं, शुरू हो जाएँ सद्गुरु का नाम लें और सिद्ध करें अपने हस्ताक्षर |

निम्न मंत्र पढ़ते हुए मछलियों को गोली डालें |

साबर मंत्र

|| ॐ श्री गणेशाये नमः मम हस्ताक्षर सिद्धम कुरु कुरु स्वाहा ||

|| Om Shree Ganeshaaye Namah Mam Hastakshar Siddham Kuru Kuru Swaha ||



Ruchi Sehgal

Sati Sadhvi Sadhana

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सती साध्वी साधना |

साबर तंत्र में सती साध्वी की साधना कई नाथ और कई मतों में की जाती है |

यह साधना जहाँ साधक को भूत भविष्य और वर्तमान के बारे में बताती है
वहीँ उसे लाटरी, सट्टा आदि का नंबर आदि प्रदान कर उसे धन से मालामाल कर देती है |
यह प्रयोग मुझे के नाथ से प्राप्त हुआ था | इस साधना से बहुत लोगों को लाभ हुआ | साधना आसान है |

विधि

ग्रहण काल में गुरूजी और गणेश जी का पूजन कर हवन कर अनुष्ठान सिद्ध किया जाता है | हवन सामग्री लेकर इस निम्न मंत्र से 3 घंटे हवन करें और हवन के अंत में कायफल लेकर उसकी पूजा करें और हवन में आहुति दे दें | कायफल पंसारी की दूकान से आसानी से मिल जाता है |

अगर किसी कारण वश ग्रहण में न सिद्ध कर सको तो इस अनुष्ठान को 11 दिन करें तो भी सिद्ध हो जाएगी और साधक को भूत और भविष्य के समय की सटीक जानकारी के साथ सट्टा आदि का नंबर प्रदान करती है | इससे साधना काल में एक साध्वी दिखाई देती है | ऐसा होने पर उसे खीर का भोग प्रदान करें और अपनी सहायता का वचन ले लें और फिर जब भी जरूरत हो इस मंत्र का मन ही मन 5-10 मिनट जप करें, आपको संकेत मिलने शुरू हो जायेंगे | साधना का अनुभव गुप्त रखें | मिलने वाले धन का कुछ भाग साधुओं की सेवा आदि में लगा दें | इसके साथ सती साध्वी आपकी सुरक्षा आदि भी करती है | साधना धैर्य से सिद्ध होती है | उतावलापन न करें, संयम के साथ इस प्रयोग को करें | मंत्र जाप के लिए हकीक या रुद्राक्ष की माला प्रयोग कर सकते हैं | इसमें काले हकीक की माला उत्तम रहती है | तेल का दिया या धूप आदि लगा सकते हैं | आसन कम्बल का लें | दिशा उत्तर ठीक है और भोजन सादा लें | इसे किसी भी गुरुवार से भी शुरू किया जा सकता है जब 11 दिन करना हो |

मंत्र

|| ॐ सती साध्वी स्वाहा ||

|| Om Sati Sadhvi Swaha ||