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Wednesday, 25 July 2018

गोमती चक्र की उत्पत्ति

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गोमती चक्र की उत्पत्ति रहस्य-

गोमती चक्र(Gomati Chakra)की उत्पत्ति भगवान् विष्णु के चक्र से उस समय हुई जब देव दानव दोनों मिल कर समुद्र मन्थन करने लगे-पृथ्वी उसके भयंकर रगड़ एवं गर्जना से उत्तप्त हो गई-रोती बिलखती गाय के रूप में वह भगवान विष्णु की शरण में गयी-भगवान विष्णु ने अपने चक्र से समुद्र में ऐसी भयंकर चक्रवाती गोलाकार तरंग उत्पन्न किया कि मन्दराचल उसी में फँसकर अत्यंत तीव्र गति से पृथ्वी से ऊपर उठकर घूमने लगा-इस चक्र को ही भँवर कहा गया है-इस भँवर में फँसकर बड़े बड़े जलपोत डूब जाते है इस भयंकर वेग से मन्दराचल के निचले सतह से अनेक पत्थर लावा बनकर बाहर छिटकने लगे तथा अनेक मणियाँ, बहुमूल्य धातुएँ तथा अन्य वस्तुएं जैसे शङ्ख आदि भी छिटक कर बाहर गिरने लगे-

कुछ अति कीमती रत्न, पत्थर आदि घर्षण से पिघल तो गए किन्तु ऊपर पानी के सतह पर आते ही ठन्डे पड़ने लगे जो भँवर की अबाध तीव्र गति के कारण गोल रूप लेते चले गये-इनकी संख्या धीरे धीरे इतनी ज्यादा बढ़ गई कि भँवर हल्का पड़ने लगा और अंत में समुद्र मन्थन को रोकना पड़ गया-

वरुण (जल) के निचले सतह-पेंदे और गो रूप धारिणी माता पृथ्वी के ऊपरी सतह के मध्यवर्ती रत्न-धातु आदि “गो मृत्तिका” या “गो मिटटी” या गोमती चक्र(Gomati Chakra)के नाम से जाने गये-रहस्य विज्ञान के प्रवर्तक वरुण देव(जल)के घर्षणमय रासायनिक संयोग के कारण इसके अंदर शक्तिशाली अतिविचित्र शक्तियों का समावेश हो गया और 'गोमाता' पृथ्वी के आशीर्वाद से इसमें धनसंम्पदा आदि प्रदान करने की शक्तियाँ भी समाविष्ट हो गईं-गोमती चक्र(Gomati Chakra)एक अत्यंत शक्तिशाली उग्र रासायनिक प्रभाव वाला जल से उत्पन्न प्राकृतिक पदार्थ है जिसका नियम से और जिसके लिये उपयुक्त है वह प्रयोग करे तो अनेक विघ्न बाधा से निश्चित मुक्ति मिल सकती है-

तंत्र शास्त्र के अंतर्गत तांत्रिक क्रियाओं मे एक ऐसे दिव्य पत्थर का उपयोग किया जाता है जो दिखने में बहुत ही साधारण होता है लेकिन इसका प्रभाव असाधारण होता है  तंत्र शास्त्र के ज्ञाता इस पर अनेक विधि पूजन कर इसे प्राणप्रतिष्ठा से विशेष सिद्धि दायक बना देते हे -

गोमती चक्र(Gomati Chakra)के साधारण तंत्र उपयोग इस प्रकार हैं-

मानसिक शांति ,रोग और भय से मुक्ति,दरिद्रता से मुक्ति,कोर्ट कचेरी के मामलो मे राहत,भुत-प्रेत बाधा शत्रुपीड़ा,संतान प्राप्ति और खास कर धन संचय में-इसकी सिद्धि के विषय में अनेको मत-मतान्तर देखे जाते है कुछ इसे स्वयं सिद्ध बताते है तो कही इसकी सिद्धि के निर्देश मिलते है होली,दीवाली तथा नवरात्र आदि प्रमुख त्योहारों पर गोमती चक्र की विशेष पूजा की जाती है-ग्रहण या अमावस्या भी महत्त्वपूर्ण और सिद्धि दायक माने जाते है-

अन्य विभिन्न मुहूर्तों के अवसर पर भी इनकी पूजा लाभदायक मानी जाती है जैसे-गुरुपुष्य योग,सर्वसिद्धि योग तथा रविपुष्य योग पर इनकी पूजा करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है-खासकर मारण,संमोहन,वशीकरण,स्तम्भन,उच्चाटन जैसे प्रयोग में और व्यापार वृद्धि,अचल-स्थिरलक्ष्मी,शत्रु भय,पीड़ा,देह व्याधि,दुस्वप्न जैसे विषयों में इसका प्रयोग अत्यंत प्रभावी देखा गया है लेकिन अभिमंत्रित करने से गोमती चक्र का प्रभाव सौ  गुना बढ़ जाता है -

गोमती चक्र के प्रयोग-

  1. सबसे पहले ये बताना उचित समझता हूँ कि आप जान ले कि गोमती चक्र(Gomati Chakra)क्या है-ये गोमती चक्र कम कीमत वाला एक ऐसा पत्थर है जो गोमती नदी मे मिलता है-विभिन्न तांत्रिक कार्यो तथा असाध्य रोगों में इसका प्रयोग होता है-
  2. असाध्य रोगों को दुर करने तथा मानसिक शान्ति प्राप्त करने के लिये लगभग 10 गोमती चक्र लेकर रात को पानी में डाल देना चाहिऐ तथा सुबह उस पानी को पी जाना चाहिऐ-इससे पेट संबंध के विभिन्न रोग दुर होते है-
  3. यदि शत्रु बढ़ गए हों तो जितने अक्षर का शत्रु का नाम है उतने गोमती चक्र(Gomati Chakra)लेेकर उस पर शत्रु का नाम लिखकर उन्हें जमीन में गाड़ दें तो शत्रु परास्त हो जाएंगे-
  4. प्रमोशन नहीं हो रहा हो तो एक गोमती चक्र लेकर शिव मंदिर में शिवलिंग पर चढ़ा दें और सच्चे ह्रदय से प्रार्थना करें-निश्चय ही प्रमोशन के रास्ते खुल जाएंगे-
  5. यदि गोमती चक्र(Gomati Chakra)को लाल सिंदूर के डिब्बी में घर में रखें तो घर में सुख-शांति बनी रहती है-
  6. यदि पति-पत्नी में मतभेद हो तो तीन गोमती चक्र लेकर घर के दक्षिण में "हलूं बलजाद" कहकर फेंद दें-इश्वेर चाहेगा तो धीरे-धीरे ये मतभेद समाप्त हो जाएगा-
  7. गोमती चक्र(Gomati Chakra)को होली के दिन थोड़ा सिंदूर लगाकर शत्रु का नाम उच्चारण करते हुए जलती हुई होली में फेंक दें-आपका शत्रु भी मित्र बन जाएगा-
  8. यदि किसी का स्वास्थ्य अधिक खराब रहता हो अथवा जल्दी-जल्दी अस्वस्थ होता हो-तो चतुर्दशी को 11 अभिमंत्रित गोमती चक्रों को सफेद रेशमी वस्त्र पर रखकर सफेद चन्दन से तिलक करें फिर भगवान् मृत्युंजय से अपने स्वास्थ्य रक्षा का निवेदन करें और यथा शक्ति महामृत्युंजय मंत्र का जप करें तथा पाठ के बाद छह चक्र उठाकर किसी निर्जन स्थान पर जाकर तीन चक्रों को अपने ऊपर से उसारकर अपने पीछे फेंक दें और पीछे देखे बिना वापस आ जायें बाकि बचे तीन चक्रों को किसी शिव मन्दिर में भगवान् शिव का स्मरण करते हुए शिवलिंग पर अर्पित कर दें और प्रणाम करके घर आ जायें-घर आकर चार चक्रों को चांदी के तार में बांधकर अपने पंलग के चारों पायों पर बांध दें तथा शेष बचे एक को ताबीज का रुप देकर गले में धारण करें-
  9. यदि आपके बच्चे अथवा परिवार के किसी सदस्य को जल्दी-जल्दी नजर लगती हो तो आप शुक्ल पक्ष की प्रथमा तिथि को 11 अभिमंत्रित गोमती चक्र(Gomati Chakra)को घर के पूजा स्थल में मां दुर्गा की तस्वीर के आगे लाल या हरे रेशमी वस्त्र पर स्थान दें -फिर रोली आदि से तिलक करके नियमित रुप से मां दुर्गा को 5 अगरबत्ती अर्पित करें अब मां दुर्गा का कोई भी मंत्र जप करें-जप के बाद अगरबत्ती के भभूत से सभी गोमती चक्रों पर तिलक करें नवमी को तीन चक्र पीड़ित पर से उसारकर दक्षिण दिशा में फेंक दें और एक चक्र को हरे वस्त्र में बांधकर ताबीज का रुप देकर मां दुर्गा की तस्वीर के चरणों से स्पर्श करवाकर पीड़ित के गले में डाल दें- बाकि बचे सभी चक्रों को पीड़ित के पुराने धुले हुए वस्त्र में बांधकर अलमारी में रख दें -
  10. यदि आपको नजर जल्दी लगती हो तो पाँच गोमती चक्र(Gomati Chakra)लेकर किसी सुनसान स्थान पर जायें फिर तीन चक्रों को अपने ऊपर से सात बार उसारकर अपने पीछे फेंक दें तथा पीछे देखे बिना वापस आ जायें - बाकी बचे दो चक्रों को तीव्र प्रवाह के जल में प्रवाहीत कर दें -
  11. यदि आपका बच्चा अधिक डरता हो- तो शुक्ल पक्ष के प्रथम मंगलवार को हनुमान् जी के मन्दिर में जाकर एक अभिमंत्रित गोमती चक्र पर श्री हनुमानजी के दाएं कंधे के सिन्दूर से तिलक करके प्रभु के चरणों में रख दें और एक बार श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें-फिर गोमती चक्र(Gomati Chakra)उठाकर लाल कपड़े में बांधकर बच्चे के गले में डाल दें -
  12. यदि आप कितनी भी मेहनत क्यों न करें परन्तु आर्थिक समृद्धि आपसे दूर रहती हो और आप आर्थिक स्थिति से संतुष्ट न होते हों, तो शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरुवार को 21 अभिमंत्रित गोमती चक्र(Gomati Chakra)लेकर घर के पूजा स्थल में मां लक्ष्मी व श्री विष्णु की तस्वीर के समक्ष पीले रेशमी वस्त्र पर स्थान दें फिर रोली से तिलक कर प्रभु से अपने निवास में स्थायी वास करने का निवेदन तथा समृद्धि के लिए प्रार्थना करके हल्दी की माला से “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय”मंत्र की तीन माला जप करें-इस प्रकार सवा महीने जप करने के बाद अन्तिम दिन किसी वृद्ध तथा 9 वर्ष से कम आयु की एक बच्ची को भोजन करवाकर दक्षिणा देकर विदा करें -
  13. यदि व्यवसाय में किसी कारण से आपका व्यवसाय लाभदायक स्थिति में नहीं हो तो शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरुवार को 3 गोमती चक्र, 3 कौड़ी व 3 हल्दी की गांठ को अभिमंत्रित कर किसी पीले कपड़े में बांधकर धन-स्थान पर रखें -
  14. यदि आपको अचानक आर्थिक हानि होती हो तो किसी भी मास के प्रथम सोमवार को 21 अभिमन्त्रित गोमती चक्रों(Gomati Chakra)को पीले अथवा लाल रेशमी वस्त्र में बांधकर धन रखने के स्थान पर रखकर हल्दी से तिलक करें  फिर मां लक्ष्मी का स्मरण करते हुए उस पोटली को लेकर सारे घर में घूमते हुए घर के बाहर आकर किसी निकट के मन्दिर में रख दें -
  15. यदि आप अधिक आर्थिक समृद्धि के इच्छुक हैं तो अभिमंत्रित गोमती चक्र(Gomati Chakra)और काली हल्दी को पीले कपड़े में बांधकर धन रखने के स्थान पर रखें-
  16. यदि आपके परिवार में खर्च अधिक होता है भले ही वह किसी महत्त्वपूर्ण कार्य के लिए ही क्यों न हो तो शुक्रवार को 21 अभिमन्त्रित गोमती चक्र लेकर पीले या लाल वस्त्र पर स्थान देकर धूप-दीप से पूजा करें अगले दिन उनमें से चार गोमती चक्र(Gomati Chakra)उठाकर घर के चारों कोनों में एक-एक गाड़ दें- 13 चक्रों को लाल वस्त्र में बांधकर धन रखने के स्थान पर रख दें और शेष किसी मन्दिर में अपनी समस्या निवेदन के साथ प्रभु को अर्पित कर दें -
  17. यदि आपके गुप्त शत्रु अधिक हों अथवा किसी व्यक्ति की काली नज़र आपके व्यवसाय पर लग गई हो तो 21 अभिमंत्रित गोमती चक्र(Gomati Chakra)व तीन लघु नारियल को पूजा के बाद पीले वस्त्र में बांधकर मुख्य द्वारे पर लटका दें-
  18. गोमती चक्रों को यदि चांदी अथवा किसी अन्य धातु की डिब्बी में सिंदूर तथा चावल डालकर रखें तो ये शीघ्र शुभ फल देते हैं- सात गोमती चक्रों को शुक्ल पक्ष के प्रथम अथवा दीपावली पर लाल वस्त्र में अभिमंत्रित कर पोटली बना कर धन स्थान पर रखें -
  19. व्यापार वृद्धि के लिए दो गोमती चक्र लेकर उसे बांधकर ऊपर चौखट पर लटका दें और ग्राहक उसके नीचे से निकले तो निश्चय ही व्यापार में वृद्धि होती है-
  20. धन लाभ के लिए 11 गोमती चक्र अपने पूजा स्थान में रखें- उनके सामने श्री नम: का जप करें- इससे आप जो भी कार्य या व्यवसाय करते हैं उसमें बरकत होगी और आमदनी बढऩे लगेगी-
  21. यदि बार-बार गर्भ गिर रहा हो तो दो गोमती चक्र लाल कपड़े में बांधकर कमर में बांध दें तो गर्भ गिरना बंद हो जाता है-
  22. यदि कोई कचहरी जाते समय घर के बाहर गोमती चक्र रखकर उस पर दाहिना पांव रखकर जाए तो उस दिन कोर्ट-कचहरी में सफलता प्राप्त होती है-
  23. चाँदी में जड़वाकर बच्चे के गले में पहना देने से बच्चे को नजर नहीं लगती तथा बच्चा स्वस्थ बना रहता है -
  24. यदि घर में भूत-प्रेतों का उपद्रव हो तो दो गोमती चक्र लेकर घर के मुखिया के ऊपर से घुमाकर आग में डाल दे तो घर से भूत-प्रेत का उपद्रव समाप्त हो जाता है -

गोमती चक्र के फायदे

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गोमती चक्र के फायदे

गोमती चक्र एक ऐसा नाम है जो अधिकतम हिन्दू परिवारों में प्रसिद्ध है। यह हिन्दू शास्त्रों द्वारा बताए गए कई शास्त्रीय उपायों में उपयोग होने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन अगर आप अभी भी इस वस्तु से अपरिचित नहीं हैं, तो चलिए आपको गोमती चक्र से संबंधित कुछ जानकारी और उपाय बताते हैं।
मां लक्ष्मी के उपाय
गोमती चक्र का सबसे अधिक उपयोग मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि ये गोल-गोल चक्राकार गोमती चक्र मां लक्ष्मी का ही रूप हैं और यदि इनके उपयोग से कोई शास्त्रीय उपाय, किसी खास दिन किया जाए, तो मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर कृपा दृष्टि बरसाती हैं।
माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए
 अन्य सभी वस्तुओं की तुलना में गोमती चक्र एक ऐसी वस्तु है जो काफी कम कीमत में उपलब्ध है। यह आसानी से हासिल हो जाती है, लेकिन इसके प्रयोग से मिलने वाले फल इसकी कीमत से कई गुना अधिक माने गए हैं।
जाने कैसे करें प्रयोग
अब हम आपको गोमती चक्र के प्रयोग से होने वाले कुल 5 शास्त्रीय उपाय बताने जा रहे हैं, यदि इन्हें बताई गई विधि के अनुसार और पूरे लगन से किया जाए तो आपको अमीर बनने से कोई नहीं रोक सकता।
पहला उपाय
गोमती चक्र के प्रयोग से आर्थिक हानि से बचा जा सकता है। इसके लिए किसी भी महीने के प्रथम सोमवार को 11 अभिमंत्रित गोमती चक्रों का हल्दी से तिलक करें और शंकर जी का ध्यान कर पीले कपड़े में बांधकर पूरे घर में घुमाकर किसी बहते हुए जल में प्रवाहित करें। इसे करने से कुछ समय पश्चात ही लाभ मिलेगा।
दूसरा उपाय
आर्थिक नुकसान के अलावा अगर कड़ी मेहनत के बाद भी बिजनेस मंदा चल रहा है, कोई नया मुनाफा नहीं मिल रहा है तो इसमें सुधार लाने के लिए भी गोमती चक्र का एक उपाय शास्त्रीय ग्रंथों में दर्ज है।
अभिमंत्रित गोमती चक्र
इस उपाय के अनुसार 11 अभिमंत्रित गोमती चक्र और तीन छोटे नारियल को पूजा करने के बाद पीले वस्त्र में बांधकर मुख्यद्वार पर लटका दें। इसके बाद आपके व्यवसाय को कभी किसी की नजर नहीं लगेगी और नए अवसरों के द्वार भी खुल जाएंगे।
तीसरा उपाय
धन लाभ के अलावा अन्य कई कारणों से गोमती चक्र का प्रयोग किया जा सकता है, जैसे कि किसी को नजर दोष से बचाने के लिए। यदि किसी व्यक्ति या बच्चे को बार-बार नजर लग जाती है, तो वह किसी निर्जन स्थान पर जाकर 3 गोमती चक्रों को अपने ऊपर से 7 बार उतार कर अपने पीछे फेंक दें।
करें ये उपाय
ध्यान रहे कि गोमती चक्रों को फेंकते ही भूल से भी पीछे मुड़कर न देखें, आंखें केवल सामने ही रखें। ऐसा करने के तुरंत बाद सीधी दिशा में घर की ओर निकल जाएं। यह उपाय जल्द से जल्द नजर दोष को दूर कर दोबारा ऐसा दोष ना हो इसमें सहायक सिद्ध होता है।
चौथा उपाय
अगर आपका बच्चा बहुत डरता है, छोटी-छोटी बातों से घबराता है तो ऐसे में आप गोमती चक्र के प्रयोग से उपाय करें, जरूर आराम मिलेगा। इसके लिए किसी भी माह के प्रथम मंगलवार को अभिमंत्रित गोमती चक्र पर हनुमान जी के दाएं कन्धे का सिन्दूर लेकर तिलक कर किसी लाल कपड़े में बांधकर बच्चे के गले में पहना दें। बच्चे का डरना कम हो जाएगा।
पांचवा उपाय
कई बार लोग यह शिकायत करते हैं कि उनकी आमदनी अच्छी है, विभिन्न स्रोतों से वे आय कमाने में सक्षम हो रहे हैं लेकिन फिर भी धन उनके पास अधिक समय तक बचता नहीं है। धन का आगमन जितनी तेजी से होता है, उतनी ही गति से वह खर्च भी हो जाता है, तो ऐसे में क्या किया जाए?
धन के लिए उपाय
इसका समाधान गोमती चक्र के एक उपाय में है। जिसके अनुसार किसी ही माह के प्रथम शुक्रवार को 11 अभिमंत्रित गोमती चक्रों को पीले कपड़े पर रखकर मां लक्ष्मी का स्मरण कर विधिवत पूजन करें।
जाने विधि
दूसरे दिन उनमें से 4 गोमती चक्र उठाकर घर के चारों कोनों में एक-एक दबा दें। इसके बाद और 3 गोमती चक्र को लाल वस्त्र में बांधकर धन रखने के स्थान पर जैसे कि तिजोरी या जहां भी कमाया हुआ पैसा सबसे पहले लाकर रखा जाता है, ऐसे स्थल पर रख दें।
मंदिर में करें अर्पित
अब शेष बचें एक चक्र को किसी मन्दिर में अपनी समस्या निवेदन के साथ भगवान को अर्पित कर दें। यह प्रयोग करने से ना केवल आर्थिक लाभ होगा, बल्कि साथ ही घर में अलक्ष्मी का वास नहीं होगा, जिसके कारण धन जल्दी नष्ट हो जाता है।

क्या है गोमती चक्र

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क्या होता है गोमती चक्र ??

भारत की प्रसिद्ध नदियों में से एक नदी है जिसका नाम है गोमती || यह नदी श्री कृष्ण जी की द्वारिका नगरी में है|| गोमती चक्र जो की सिप्पी के जैसा एक पत्थर होता है वो इसी नदी में पाया जाता है || गोमती चक्र एक तरफ से पत्थर जैसा होता है और एक तरफ से समतल होता है ||
इस समतल के ऊपर एक सांप जैसा आकार बना होता है इसीलिए गोमती चक्र को नाग चक्र भी कहा जाता है || वेदों शास्त्रों में गोमती चक्र के बहुत से उपयोग बताये गए है और इसको कैसे इस्तेमाल करना है उसका विवरण भी वेदो में स्पष्ट बताया गया है ||


गोमती चक्र की महिमा यहाँ से पता चलती है की पुराने समय से ही गोमती चक्र का इस्तेमाल पूजा, साधना, तांत्रिक प्रयोगों और कई तरह के टोटके करने में किया जाता रहा है || गोमती चक्र को सुदर्शन चक्र भी कहा जाता है जो की श्री कृष्ण का एक बहुत शक्तिशाली हथियार है और गोमती चक्र बिलकुल वैसा ही दिखाई देता है ||
गोमती चक्र को इस्तेमाल करने से आप कई तरह की परेशानिओं और कठनाईओं से बच सकते है और इसके इस्तेमाल से आप अपनी कुंडली में बने हुए कई तरह के दोषों से भी छुटकारा पा सकते है || पुराने समय में लोग गोमती शकर को गहनों की तरह भी इस्तेमाल करते थे जिससे एक तो वो नकारात्मक शक्तिओं के प्रभाव से बचे रहते थे और भाग्यशाली बनते थे ||

गोमती चक्र इस्तेमाल करने के लिए आवश्यक जानकारी : –

अगर आप किसी भी काम के लिए गोमती चक्र इस्तेमाल करना चाहते है तो यह ध्यान रखें की गोमती चक्र जीवित भी होते हैं और निर्जीव भी मगर आपको सिर्फ और सिर्फ जीवित गोमती चक्र का ही इस्तेमाल करना है ||



कैसे पता लगाएं की गोमती चक्र जीवित है या निर्जीव ??

जीवित गोमती चक्र को पहचानने के लिए दो तरीके है पहला ये की जब आप जीवित गोमती चक्र के ऊपर थोड़ा सा सिरका डालेंगे तो उस में से छोटे छोटे बुलबुले पैदा होंगे और दूसरा आप गोमती चक्रो को जोड़ो में रख दें उनको ऐसे रखना है की वो आपस में टच न करें फिर उनके ऊपर थोड़ा थोड़ा सिरका डाल दें और सुबह होने पर जो जीवित गोमती चक्र होंगे वो आपस में जुड़ जायेंगे और जो निर्जीव होंगे वो अकेले रहेंगे ||



गोमती चक्र के उपयोग

1. जब भी कोई नयी ईमारत बनाई जाती है चाहे वो रहने के लिए या फिर व्यवसाय के लिए तो ईमारत बनाते समय एक गोमती चक्र को उसकी नींव में दबा दिया जाता है || ऐसा करने से उस ईमारत में रहने वाले सभी लोगों का भाग्य उदय होता है और ईमारत को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचता ||

2. गोमती चक्र को लाल कपडे में बांधकर चावलों में या गेंहू में रख दिया जाता है ऐसा करने से घर में कभी अनाज की कमी नहीं होती और घर में खुशीआं आती है ||

3. दीवाली के दिन माँ लक्ष्मी जी के पूजन के साथ गोमती चक्र रखा जाता है ऐसा करने से हमेशा माँ लक्ष्मी जी की कृपा बानी रहती है और धन प्राप्ति होती है ||



4. अगर किसी की कोख बांध दी गयी हो और उसको बच्चा न हो रहा हो या फिर बार बार गर्भ गिर जाता हो तो कपडे में लपेट कर गोमती चक्र उस महिला की कमर पर बांध दें ऐसा करने से बहुत जल्द बच्चा हो जायेगा ||

5. अगर किसी इंसान की कुंडली में सर्प दोष बनता है और वो सर्प दोष से मुक्ति प्राप्त करना चाहता है तो वो इंसान गोमती चक्र को अभिमंत्रित करके अपने गले में पहनने से काल सर्प दोष और सर्प दोष से मुक्ति पा सकता है ||

6. गोमती चक्र को अपने घर के अंदर दबाने से सभी तरह के वास्तु दोष दूर होते हैं ||

7. अपने शत्रु से पीछा छुड़वाने के लिए एक गोमती चक्र पर उसका नाम लिखकर गोमती चक्र को जमीं में गाड़ दें ऐसा करने से आपका शत्रु परास्त हो जायेगा ||

8. घर में अगर लड़ाई झगड़ा रहता है तो गोमती चक्र को एक सिन्दूर की डब्बी में रखकर डब्बी को घर के अंदर रख लें ऐसा करने से घर में शांति और खुशीआं बरक़रार रहती हैं ||

 

9. जिस इंसान की शादी में बाधा आ रही है या फिर शादी नहीं हो रही वो गोमती चक्र को श्री कृष्ण जी की मूर्ति के साथ रखकर सात दिन लगातार पूजा करे तो बहुत जल्दी शादी हो जाएगी ||

10. अगर आपकी नौकरी नहीं लग रही या फिर उन्नति नहीं हो रही तो दो गोमती चक्र अपनी जेब में रखकर इंटरव्यू दें तो आपकी नौकरी लग जाएगी या फिर अपनी जेब में रखकर कार्यस्थल जाएं तो बहुत जल्दी उन्नति हो जाएगी ||

कैसे गोमती चक्र को अभिमंत्रित करते हैं ??

अभिमंत्रित गोमती चक्र को घर में रखने से है में बरकत रहती है और घर में खुशीआं आती है || घर में गोमती चक्र रखने से घर में परिवार के लोगों में प्यार बढ़ता और कभी लड़ाई झगड़ा नहीं होता || अपने कार्यस्थल पर अभिमंत्रित गोमती चक्र रखने से व्यपार में कभी घाटा नहीं होता और अधिक मुनाफा होता है ||

गोमती चक्र को अभिमंत्रित करने का तरीका : –

1. सबसे पहले जीवित गोमती चक्र को गाये के कच्चे दूध से स्नान करवाएं ||
 
2. फिर उसको एक थाली में रख दे ||

3. थाली में थोड़े से चावल डाल दें ||

4. फिर गोमती चक्र पर फूल चढ़ाएं ||

5. उसके साथ एक आटे का दिया जलाएं ||

6. अब नीचे दिए गए मन्त्र को 108 जाप करें ||

|| मंत्र ||

 ” क्लीं क्रीं हुं क्रों स्फ्रों कामकलाकाली स्फ्रों क्रों क्लीं स्वाहा “

7. फिर गोमती चक्र पर चन्दन से अभिषेक करें ||

8. यह किर्या लगातार सात दिन तक करें ||

9. सातवें दिन गोमती चक्र को लाल कपडे में लपेट लें ||

10. अब इसे आप चाहे घर के पूजा स्थल में रखें और चाहे अपने कार्यस्थल पर रखें ||