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Tuesday, 6 November 2018

हनुमान चालीसा की चमत्कारी चौपाइयाँ

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हनुमान चालीसा के चमत्कारी दोहे और चौपाइयाँ
वैसे तो गोस्वामी तुलसीदास जी के रचित हनुमान चालीसा के सभी चालीस चौपाइयाँ दोहे अपने आप में सिद्ध मन्त्र की तरह काम करते है | फिर भी कुछ चौपाइयाँ ऐसी चमत्कारी है जो सटीक आपकी विनती हनुमानजी के चरणों में पहुंचा देते है | हनुमान चालीसा का पाठ दु:खो का निवारण करने वाला महा शक्तिशाली पाठ है |




पहली चौपाई

बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरो पवन कुमार।

बल बुद्धि विद्या देहु मोहि हरेहू कलेश विकार।


इस दोहे में बताया गया है की हे पवन पुत्र श्री हनुमान , हमें मतिहीन मान कर हमारे सुमिरन को स्वीकार करे और हमें बल बुद्धि और विद्या प्रधान करे और हमारे सभी दुःख कलेश और व्याधियो को दूर करे |
दूसरी चौपाई

नासे रोग हरे सब पीरा।

जो सुमिरे हनुमंत बलबीरा।।

इस चौपाई के माध्यम से बताया गया है की हनुमान जी के नाम को सुमिरण करने से बड़ी से बड़ी बीमारी रोग पीड़ा दूर हो जाते है |

तीसरी चौपाई

अष्ट-सिद्धि नवनिधि के दाता

अस बर दीन जानकी माता।।

जिनकी माता जानकी (सीता ) है वे हनुमानजी अष्ट सिद्धि और नव निधि के दाता है |

चौथी चौपाई

भीम रूप धरि असुर संहारे।

रामचंद्रजी के काज संवारे।।




महाविशाल काय रूप धारण करके आपने दानवो का संहार किया और अपने प्रभु श्री राम जी के सभी कार्यो को पूर्ण किया | उनके विध्नो को दूर करके आपने उन्हें सफलता दिलवाई |

कैसे करे इन दोहों का प्रयोग :
बालाजी के मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी के मंदिर में जाकर अपने अंतर्मन से इन दोहों को अर्थ सहित सुमिरण करे | राम भक्त हनुमान को उनकी शक्ति याद दिलाये और अपने दुःखो का हरण करने की विनती करे |


एकादशी पर क्या नही करें

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हमारे हिन्दू धर्म में वैष्णव सम्प्रदाय के लिए एकादशी का बहुत ज्यादा महत्व है | हर माह दो एकादशी आती है एक कृष्ण पक्ष की और दूसरी शुक्ल पक्ष की | इन दोनों में शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी की महिमा ज्यादा है | एकादशी को हम ग्यारस के नाम से भी जानते है |


धार्मिक ग्रंथो से वे क्या क्या काम है जो एकादशी पर नही करने चाहिए ?
एकादशी पर चावल खाना मना है |
एकादशी पर दातून (मंजन) करना भी मना है |
एकादशी पर क्रोध ना करे , ना ही किसी से मानसिक और शारीरिक रूप से लड़ाई करे | किसी को भला बुरा भी ना बोले |


एकादशी पर मदिरापान , मांस खाना वर्जित है |
इस दिन झूठ ना बोले ना ही लालच करे |
इस दिन किसी की निंदा ना करे ना ही किसी को किसी के लिए भड़काए |
भगवान विष्णु की भक्ति में ज्यादा से ज्यादा समय बिताये | हो सके तो रात्रि में भी उनके भजन और स्तुति करे |
इस दिन पान सुपारी नही खानी चाहिए | यह मनुष्य के रजोगुण को बढाती है |
स्त्री के साथ संसर्ग करना भी वर्जित है , ऐसा करने से आपके मन में काम की भावना प्रबल रहती है और ईश्वर की भक्ति में मन नही लगता |
एकादशी के दिन सूर्योदय से पूर्व नहा कर विष्णु के मंत्रो का जप करे


भगवान विष्णु करते है रक्षा – नारायण कवच

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भगवान विष्णु करते है रक्षा – नारायण कवच

त्रिदेवो में भगवान विष्णु को जगत का पालनहार बताया गया है | यह भरण पोषण करने वाले देवता है | यदि आपको आर्थिक रूप से मजबूत होकर वैभवशाली जीवन जीना है तो भगवान श्री विष्णु और उनकी पत्नी धन की देवी माँ लक्ष्मी की कृपा का पात्र बनना ही पड़ेगा |




विष्णु को हम हरि , नारायण आदि नामो से जानते है | त्रिलोको की रक्षा और अधर्म का नाश करने के लिए भगवान विष्णु ने अवतार धारण किये है | ये अपने भक्तो के रक्षक है | यह दुःख हरने वाले और भक्तवत्सल है |
नारायण कवच की महिमा
इस पाठ में भक्त भगवान विष्णु का स्मरण करते हुए अपनी रक्षा हेतु विष्णु के सभी अवतारों से रक्षा मांगते है | जल भाग से विष्णु का मत्स्य अवतार , थल से वामन अवतार आकाश में त्रिविक्रम भगवान उन्हें रक्षा प्रदान करते है | पहाड़ो पर रक्षा परशुराम जी , रास्ते में रक्षा वराह देव आदि करते है |




इन्द्र ने नारायण कवच की धारण कर दैत्यों को हराया
एक बार देवासुर संग्राम में स्वर्ग के राजा इन्द्रदेव ने नारायण कवच का पाठ करके अपने शरीर पर नारायण रक्षा का ढाल बना लिया और फिर बड़े बड़े दैत्यों को युद्ध में हरा दिया |

कवच के मंत्रो में इतनी शक्ति होती है की इसका पाठ करके यदि किसी के शरीर पर मंत्र फूंक दे तो कोई अस्त्र शस्त्र उसे पीड़ा नही दे सकता |