Sunday, 6 January 2019
स्वस्थ्य , नौकरी और व्यवसाय हेतु कुछ टोटके , swathya, nokri aor vyavsay hetu totke
अच्छे स्वास्थ्य के लिए पारिवारिक कलह , नजर दोष के लिए लगभग 100 ग्राम गेहू को शनिवार की रात को पानी में भिगो देना है और रविवार की सुबह लगभग 50 ग्राम गुड़ में मिला कर के गाय को खिला देना है । ये आपको हर रविवार करना है । कुछ माह कर के देखिये । कोई रविवार छूट जाय तो कोई दिक्कत नहीं है ।
नौकरी , व्यापार , शनि और राहु के लिए अमावस्या के दिन आप अपनी क्षमता के अनुसार 100 ग्राम या उससे अधिक बेंगन खरीदकर किसी ज़रूरत मंद को दान करे
नौकरी , व्यापार , शनि और राहु के लिए अमावस्या के दिन 100 ग्राम चाय पत्ती किसी ज़रूरतमंद को दान कर दे !
नौकरी , व्यापार , शनि और राहु के लिए हर शनिवार को बेसन में बिना नमक और मिर्च डालें 7 पकोड़े सरसो के तेल में बना कर कौओ को खिलाना है | ये कार्य हर शनिवार को करना है इसको करने से सभी समस्या आर्थिक, नौकरी और पारिवारिक दूर होंगी |
नौकरी , व्यापार , शनि और राहु के लिए अमावस्या के दिन आप अपनी क्षमता के अनुसार 100 ग्राम या उससे अधिक बेंगन खरीदकर किसी ज़रूरत मंद को दान करे
नौकरी , व्यापार , शनि और राहु के लिए अमावस्या के दिन 100 ग्राम चाय पत्ती किसी ज़रूरतमंद को दान कर दे !
नौकरी , व्यापार , शनि और राहु के लिए हर शनिवार को बेसन में बिना नमक और मिर्च डालें 7 पकोड़े सरसो के तेल में बना कर कौओ को खिलाना है | ये कार्य हर शनिवार को करना है इसको करने से सभी समस्या आर्थिक, नौकरी और पारिवारिक दूर होंगी |
लाजवर्त पत्थर के लाभ laajvart pathar ke laabh
1.) लाजवर्त को धारण करने के बाद व्यक्ति पर राहु, शनि और केतु का दुष्प्रभाव खत्म हो जाता है । शनि , राहु और केतु के प्रकोप से बचाता है और दुर्भागय को दूर कर के व्यक्ति को सफलता दिलाता है ।
2.) व्यक्ति पर बुरी नजर, काला जादू , टोने - टोटके का प्रभाव नहीं होता है । लाजवर्त कोई भी व्यक्ति धारण कर सकता है लाजवर्त पत्थर के लाभ :लाजवर्त तीनो क्रूर ग्रहो (शनि, राहु और केतु ) के दोषो और दुष्प्रभावो को खत्म करता है ।
3.) काला जादू ख़त्म करता है और बुरी नज़र से बचाव करता है यदि आपको शनि की साढ़ेसाती चल रही है तो आप लाजवर्त धारण कर सकते है और लाभ प्राप्त कर सकते है । यदि किसी व्यक्ति द्वारा घर पर या आप पर कुछ किया-कराया हुआ अनुभव होता हो या फिर घर में वास्तुदोष हो तो लाजवर्त को धारण करने से लाभ मिलता है ।
4.यदि आपको केतु और राहु की महादशा या अन्तर्दशा चल रही है तो आप लाजवर्द धारण कर सकते है और लाभ प्राप्त कर सकते है ।
5. नौकरी और व्यवसाय में आ रही अड़चनो को दूर करता है ।पितृ दोष को खत्म करता है ।
6. लाजवर्त विद्यार्थियों के लिए अत्यंत लाभदायक है । लाजवर्त विद्यार्थी का आत्म विश्वास बढ़ा देता है और विद्यार्थी की शिक्षा में एकाग्रता भी बढ़ जाती है ।
7. लाजवर्त को धारण करने के बाद धीरे धीरे आपके व्यवसाय में तरक्की होती है | यदि व्यवसाय काला जादू या टोना - टोटका की वजह से मंदा चल रहा है तो आपको लाजवर्त धारण करने से लाभ अवश्य मिलेगा ।
8. अगर घर में बरकत नही होती है तो बरकत होने लगती है | अगर आपके शत्रु ज़्यादा है या आपका शत्रु आपको परेशान करता है या आप पर जादू टोना करवाता है तो आपका उसके किए हुए जादू टोना से बचाव करता है और आपके शत्रु को परास्त करता है | आपका शत्रु आपके सामने शक्तिहीन हो जाता है |
9. लाजवर्त को धारण कर ने से डिप्रेशन/तनाव दूर होता है । और सेहत अच्छी होती है । लाजवर्त राहु, केतु और शनि द्वारा आ रही बाधाओ को दूर करता है और व्यक्ति को सफलता मिलने लगती है |
10. लाजवर्त को धारण करने के बाद व्यक्ति का दुर्घटना और एक्सीडेंट से बचाव रहता है । यदि आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है तो आपको लाजवर्त धारण कर ने से लाभ अवश्य मिलेगा । आपको लाजवर्त शनिवार को चाँदी की अंगूठी में बनवा के सीधे हाथ की मध्यमा उंगली (middle finger) में धारण करना है |
2.) व्यक्ति पर बुरी नजर, काला जादू , टोने - टोटके का प्रभाव नहीं होता है । लाजवर्त कोई भी व्यक्ति धारण कर सकता है लाजवर्त पत्थर के लाभ :लाजवर्त तीनो क्रूर ग्रहो (शनि, राहु और केतु ) के दोषो और दुष्प्रभावो को खत्म करता है ।
3.) काला जादू ख़त्म करता है और बुरी नज़र से बचाव करता है यदि आपको शनि की साढ़ेसाती चल रही है तो आप लाजवर्त धारण कर सकते है और लाभ प्राप्त कर सकते है । यदि किसी व्यक्ति द्वारा घर पर या आप पर कुछ किया-कराया हुआ अनुभव होता हो या फिर घर में वास्तुदोष हो तो लाजवर्त को धारण करने से लाभ मिलता है ।
4.यदि आपको केतु और राहु की महादशा या अन्तर्दशा चल रही है तो आप लाजवर्द धारण कर सकते है और लाभ प्राप्त कर सकते है ।
5. नौकरी और व्यवसाय में आ रही अड़चनो को दूर करता है ।पितृ दोष को खत्म करता है ।
6. लाजवर्त विद्यार्थियों के लिए अत्यंत लाभदायक है । लाजवर्त विद्यार्थी का आत्म विश्वास बढ़ा देता है और विद्यार्थी की शिक्षा में एकाग्रता भी बढ़ जाती है ।
7. लाजवर्त को धारण करने के बाद धीरे धीरे आपके व्यवसाय में तरक्की होती है | यदि व्यवसाय काला जादू या टोना - टोटका की वजह से मंदा चल रहा है तो आपको लाजवर्त धारण करने से लाभ अवश्य मिलेगा ।
8. अगर घर में बरकत नही होती है तो बरकत होने लगती है | अगर आपके शत्रु ज़्यादा है या आपका शत्रु आपको परेशान करता है या आप पर जादू टोना करवाता है तो आपका उसके किए हुए जादू टोना से बचाव करता है और आपके शत्रु को परास्त करता है | आपका शत्रु आपके सामने शक्तिहीन हो जाता है |
9. लाजवर्त को धारण कर ने से डिप्रेशन/तनाव दूर होता है । और सेहत अच्छी होती है । लाजवर्त राहु, केतु और शनि द्वारा आ रही बाधाओ को दूर करता है और व्यक्ति को सफलता मिलने लगती है |
10. लाजवर्त को धारण करने के बाद व्यक्ति का दुर्घटना और एक्सीडेंट से बचाव रहता है । यदि आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है तो आपको लाजवर्त धारण कर ने से लाभ अवश्य मिलेगा । आपको लाजवर्त शनिवार को चाँदी की अंगूठी में बनवा के सीधे हाथ की मध्यमा उंगली (middle finger) में धारण करना है |
Premi ko Uski Patni se Dur Karne ke Upay Mantra-1 प्रेमी को उसकी पत्नी से दूर करने का तांत्रिक उपाय तरीका मंत्र टोटका
1) “ओम रं श्रृं ( प्रेमी की पत्नी का नाम ) वश्यमानाया हुं “.. इस मंत्र का जाप करें ७ दिनों तक लगातार ३०१ बार | जाप करते समय अपने प्रेमी के पत्नी की तस्वीर अपने हाथ में रख कर जाप करें | १ सप्ताह के अंदर ही आपको अपनी मनोकामना सिद्ध होती हुई दिखेगी |
2 ) एक पानी वाला नारियल ले लें | साथ में कुछ धतूरे के बीज तथा कपूर ले | फिर आप नारियल- पानी, बीज और कपूर को साथ में मिलाकर पीस ले | इसके बाद इसमें थोड़ा सा शहद मिलाएं | अब आप इस निश्रण से तिलक करें | तिलक करते हुए अपने प्रेमी का नाम का स्मरण करते हुए तिलक करें | अगर संभव हो तो तिलक कर अपने प्रेमी के सामने जाए | आपका प्रेमी आपके वशीभूत हो जाएगा |
3) अभिमंत्रित किया हुआ ३ गोमती चक्र ले ले | अब इसमें सिंदूर लगा कर प्रज्वलित होलिका में दहन कर दे अपने प्रेमी की पत्नी का नाम लेते हुए |
4) एक सफेद कागज पर आप अपना और अपने प्रेमी अपने प्रेमी का नाम लिख दे लाल रंग की स्याही से सोमवार के दिन | अब दिए गए मंन्त्र का जाप करें २५० बार | मंन्त्र है– “ओम सुदर्शनाय हुं फट स्वाहा”.. मंत्र जाप पूरा हो जाने के बाद कागज को घर में किसी ऐसे स्थान पर रखें जहां पर किसी की नजर उस पर ना पड़े | फिर २ दिन बाद इसे किसी सुनसान जगह पर गाड़ दे |
5) “ओम नमो त्रिजट लंबोदर वद वद अमुक (नाम) आकर्षण आकर्षण स्वाहा”.. इस मंत्र को सबसे पहले सिद्ध कर ले २१०० बार मंन्त्र जाप द्वारा | सिद्ध करने के लिए किसी पूर्णिमा या ग्रहण अथवा अमावस्या वाले दिन का चुनाव करे | इसके बाद अल्प मात्रा में जल लेकर अभिमंत्रित करें १०८ बार मंन्त्रों का जाप करते हुए | इस जल को रात को सोते वक्त अपने सिरहाने रख कर सोए | आधी रात को उठकर इसे पी लें | ४० दिनों तक लगातार इस प्रयोग को करें, आपकी मनोकामना की पूर्ति होगी |
2 ) एक पानी वाला नारियल ले लें | साथ में कुछ धतूरे के बीज तथा कपूर ले | फिर आप नारियल- पानी, बीज और कपूर को साथ में मिलाकर पीस ले | इसके बाद इसमें थोड़ा सा शहद मिलाएं | अब आप इस निश्रण से तिलक करें | तिलक करते हुए अपने प्रेमी का नाम का स्मरण करते हुए तिलक करें | अगर संभव हो तो तिलक कर अपने प्रेमी के सामने जाए | आपका प्रेमी आपके वशीभूत हो जाएगा |
3) अभिमंत्रित किया हुआ ३ गोमती चक्र ले ले | अब इसमें सिंदूर लगा कर प्रज्वलित होलिका में दहन कर दे अपने प्रेमी की पत्नी का नाम लेते हुए |
4) एक सफेद कागज पर आप अपना और अपने प्रेमी अपने प्रेमी का नाम लिख दे लाल रंग की स्याही से सोमवार के दिन | अब दिए गए मंन्त्र का जाप करें २५० बार | मंन्त्र है– “ओम सुदर्शनाय हुं फट स्वाहा”.. मंत्र जाप पूरा हो जाने के बाद कागज को घर में किसी ऐसे स्थान पर रखें जहां पर किसी की नजर उस पर ना पड़े | फिर २ दिन बाद इसे किसी सुनसान जगह पर गाड़ दे |
5) “ओम नमो त्रिजट लंबोदर वद वद अमुक (नाम) आकर्षण आकर्षण स्वाहा”.. इस मंत्र को सबसे पहले सिद्ध कर ले २१०० बार मंन्त्र जाप द्वारा | सिद्ध करने के लिए किसी पूर्णिमा या ग्रहण अथवा अमावस्या वाले दिन का चुनाव करे | इसके बाद अल्प मात्रा में जल लेकर अभिमंत्रित करें १०८ बार मंन्त्रों का जाप करते हुए | इस जल को रात को सोते वक्त अपने सिरहाने रख कर सोए | आधी रात को उठकर इसे पी लें | ४० दिनों तक लगातार इस प्रयोग को करें, आपकी मनोकामना की पूर्ति होगी |
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