जन्म-कुंडली में बिज़नेस योग :-
कुंडली में कर्म (कार्य) का स्थान दसवां भाव होता है। अगर किसी व्यक्ति का दसवां भाव मजबूत और अच्छा है तो उस व्यक्ति का बिज़नेस अच्छा चलने की संभावना ज्यादा रहती हैं। इसके साथ ही दशमांशा भी देखा जाना चाहिए | युति,डिग्री,दृष्टि,दशा बिज़नेस में लाभ और हानि को दर्शाते हैं | किसी एक भाव या एक ग्रह से अंतिम परिणाम पर नहीं पहुंचा जा सकता | कुंडली को हमेशा पूर्ण -रूप से ही देखा जाना चाहिए |
कुंडली के योग जो व्यक्ति के व्यवसाय को सफल बनाने में मदद करते हैं :-
१)अगर कुंडली के कर्म स्थान में ब्रहस्पति बैठा हो (जो भाग्य का मालिक होता है) तो यह केंद्रादित्य योग बनता है। यदि किसी जातक की कुंडली में यह योग होता है तो उस व्यक्ति का व्यवसाय अच्छा चलता है।
२)अगर कर्म स्थान पर बुध या सूर्य की दृष्टी हो या इन ग्रहों में से कोई ग्रह कर्म के स्थान (दसवें भाव) में विराजमान हो तो यह लक्ष्मी-नारायण योग बनता है। इस प्रकार के जातकों को व्यवसाय में लाभ प्राप्त होने के अवसर ज्यादा प्राप्त होते हैं।
३)जातक की जन्म कुंडली में अगर मंगल उच्च का होकर कर्म भाव में विराजमान है तो ऐसे व्यक्ति को व्यवसाय के अच्छे संयोग बन जाते हैं।
४)कुंडली के केंद्र में अगर कहीं भी गुरू और सूर्य या चंद्रमा और गुरु की युक्ति बन रहा हो तो इस योग का सीधा प्रवाह कर्म को जाता है। इस योग में जातक का बिज़नेस अच्छा चलता है और उसे सभी प्रकार की सुख-सुविधायें प्राप्त होती हैं।
५)ब्रहस्पति, सूर्य या मंगल इन शुभ ग्रहों में से किसी की भी सातवीं दृष्टी अगर दसवें भाव पर हो तब भी कर्म भाव में अच्छा फल व्यक्ति को प्राप्त होता रहता है।
६)राहू भी अगर कर्मभाव की तरफ देखता है या कर्म भाव में उच्च का होकर विराजमान हो तो यह भी योग व्यवसाय के लिए अच्छा माना जाता है। बेशक शनि, राहू और केतु अशुभ ग्रह माने जाते हैं किन्तु कई बार योग के कारण यह ग्रह कर्म भाव अच्छे फल प्रदान कर देते हैं।
जातक की जन्म कुंडली को देखकर यह बताया जा सकता है कि क्या आप अपना व्यवसाय शुरू कर सकते हो | या वह उत्तम समय कब आयेगा जब आप अपना कोई काम प्रारंभ कर सकते हैं |
Friday 17 August 2018
जन्म-कुंडली में बिज़नेस योग
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