विवाह बाधा समाप्ति के लिए तथा यात्रा में सफलता के लिए मंत्र रामचरित
विवाह के लिए
तब जनक पाई वसिष्ठ आयसु ब्याह साज संवारि कै।
मांडवी श्रुतकी रति उरमिला कूंअरी लई हंकारी कै।।
तब जनक पाई वसिष्ठ आयसु ब्याह साज संवारि कै।
मांडवी श्रुतकी रति उरमिला कूंअरी लई हंकारी कै।।
यात्रा सफल होने के लिए
प्रविसिनगर कीजै सब वाजा।
हृदये राशि कोसलपुर राजा।।
प्रेम बढ़ाने के लिए
सब नर करहि परस्पर प्रीति।
चलहि स्वधर्म निरत श्रुति नीति।।
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