Thursday, 18 January 2018
माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करने के उपाय,ma laxmi ko prasann karne ke upay,
इस संसार में प्रत्येक व्यक्ति धन की कामना रखता है। सामन्यता धनवान व्यक्ति को सभी लोग स्वीकार कर लेते है।
शास्त्रो के अनुसार जिस प्रकार एक असमर्थ व्यक्ति बिना छड़ी के नहीं चल सकता है वैसे ही धन के बिना इस संसार में चलना, अपने कर्तव्यों का पालन करना अत्यंत दुष्कर कार्य है।
यहाँ पर हम आपको लक्ष्मी प्राप्ति के उपाय, माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करने के उपाय ( Ma laxmi ko prasann karne ke upay ) बता रहे है जिनको श्रद्धा पूर्वक करने से निश्चय ही माँ लक्ष्मी की कृपा ( Maa Laxmi ki kripa ) प्राप्त होगी।
भाग्योदय के लिए मनचाही सफलता के लिए रविवार को भगवान सूर्य को नियम से आक का फूल अर्पण करें | यह सोने की अशर्फियाँ चढ़ाने से भी ज्यादा फलदायी है |
इससे कुंडली के सोये ग्रह जाग जाते है , सुख-समृद्धि, मान प्रतिष्ठा की कोई भी कमी नहीं रहती है |
अपने कार्यक्षेत्र में आशातीत सफलता पाने के लिए,लक्ष्मी प्राप्ति के लिये ( Laxmi Prapti Ke leye ) किसी साफ बरतन में सफेद सरसों को इस प्रकार रखें कि वह दिखाई देती रहे। इस बरतन को अपने कार्यस्थल में ऐसी जगह में रख दें, जिससे आने-जाने वालों की निगाह उस पर पड़ती रहे।
इस उपाय से कार्यक्षेत्र में उत्तम लाभ मिलता है, बाधायें दूर होती है, इसे बिना किसी को बताये हुए करें।
शुक्र ग्रह भौतिक सुख के कारक है , इसको मजबूत करने के लिए घर का कुछ हिस्सा कच्चा जरुर रखे, इससे माँ लक्ष्मी की कृपा ( Ma Laxmi ki kripa ) प्राप्त होती है ।
यदि गृह लक्ष्मी प्रतिदिन एक लोटा जल प्रात: घर के मुख्य द्वार पर डाले तो उस घर में धन का आगमन बहुत ही सुगमता से होता है ।
माँ लक्ष्मी ( Maa Laxmi ) का ध्यान करते हुए स्नान के पश्चात यदि मस्तक पर शुद्ध केसर का तिलक, और इत्र लगाकर ही घर से अपने व्यवसाय में जाएँ तो धन लाभ की सम्भावना बड़ जाती है ।
रात को सोते समय अपने दाँत फिटकरी से साफ करें लाभ प्राप्त होगा ,धन की देवी माँ लक्ष्मी ( Dhan ki devi ma laxmi ) की कृपा मिलती है ।
बुधवार को हरा चारा, ब्रहस्पति वार को गीली चने की दाल को आटे में मिलाकर उसके 2 पेड़े और शुक्रवार को सफेद चावल मीठा डालकर गाय को खिलाने से उस घर पर कभी भी कोई भी आर्थिक संकट नहीं आता है ।
इन्द्रकृत महालक्ष्मी स्तोत्र के 11 पाठ नित्य करने और गीताजी के ग्यारहवें अध्याय का नियमित पाठ करने से महालक्ष्मी उस घर में सदा निवास करती है।
श्रीसूक्त के रात्रि के समय 11 पाठ करने व एक पाठ से हवन करने से मां लक्ष्मी उस पर सदा प्रसन्न रहती है।
ध्यान रहे धन लक्ष्मी की पूजा करने वाले किसी भी हाल में स्त्री का अनादर नहीं करें।
धन लक्ष्मी Dhan Lakshmi माता को सफेद पदार्थ जैसे चावल से बनी खीर और यथासंभव दूध से बने पकवानों का भोग लगाएं।
गृह लक्ष्मी Grah Lakshmi, माता या घर की सबसे बड़ी स्त्री को आदर देते हुए घर की किसी भी पूजा का कोई भी प्रसाद सर्वप्रथम उन्हें ही ग्रहण कराएं तत्पश्चात स्वयं ग्रहण करें
पुष्य नक्षत्र Pushya Nakshtra के दिन माँ लक्ष्मी को लाल पुष्प अर्पित करें । इस दिन सांयकाल किसी भी लक्ष्मी मंदिर / मंदिर में माँ को सुगन्धित धूप अगरबत्ती, मिठाई चढ़ाने से माँ अपने भक्त से अति प्रसन्न होती है, सुख सौभाग्य आता है ।
पुष्प नक्षत्र Pushya Nakshtra के दिन दक्षिणावर्ती शंख में केसर मिला दूध भरकर भगवान विष्णु का अभिषेक करें। इससे धन लाभ मिलेगा। माता लक्ष्मी के साथ-साथ भगवान विष्णु की पूजा करने से भी मां की कृपा आप पर बनी रहती है।
पुष्य नक्षत्र Pushya Nakshtra के दिन लक्ष्मी की पूजा करते समय चांदी का सिक्का रखें। बाद में इस सिक्के को अपनी तिजोरी में रख दें। इससे आपकी तिजोरी हमेशा पैसों से भरी रहेगी।
Ruchi Sehgal
धन प्राप्ति के असरदार टोटके
इन सिद्ध यंत्रों की स्थापना सभी प्राणियों के कल्याण हेतु की गयी है, यदि आपके मन में कोई संदेह है, या आप इन यंत्रों में विश्वास नहीं रखते है तो आप इस पेज को बंद कर दें, परन्तु इन यंत्रों का उपहास एवं अनादर न करें ।
जीवन में श्रेष्ठ लाभ के लिए , अपनी किसी विशेष इच्छा की पूर्ति के लिए शुक्ल पक्ष के बुधवार से गणेश जी से अपनी मनोकामनाओं के लिए प्रार्थना करते हुए उन्हें गुड़ और घी का भोग लगाएं और उसके बाद इसे किसी गाय को खिला दें।
इस उपाय को लगातार 21 बुधवार तक करे, अगर आप की मनोकामना पूर्ण हो जाय तो भी इस क्रम को ना तोड़े।
शुक्ल पक्ष के बुधवार को एक हंडिया में सवा किलो हरी साबुत मूंग की दाल, और दूसरी में सवा किलो डलिया वाला नमक ( साबुत नमक ) ला कर भर के उसे ढक्कन से ढक दें। फिर यह यह दोनों हंडिया घर में कहीं ऐसी साफ जगह पर रख दें जहाँ पर आने जाने वालो की निगाह ना पड़े।
इस उपाय को करने से व्यापार, कारोबार, नौकरी में अपेक्षा से अधिक लाभ होने लगता है, आय के नए स्रोत खुलते है, घर में धन आना शुरू हो जाता है, धन में बरकत होती है, स्थाई सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है ।
आर्थिक लाभ ( Arthik Labh ) प्राप्त करने के लिए बुधवार को हरी वस्तु का सेवन करें लेकिन पीली वस्तु का सेवन बिलकुल भी ना करें और बृहस्पतिवार पीली वस्तु खाएं लेकिन हरी वास्तु का सेवन ना करें तो धन संपत्ति ( dhan sampati ) में वृद्धि होती है ।
हर माह के प्रथम बुधवार को पाँच मुट्ठी हरे साबुत मूँग ( साबुत मूँग की दाल ) साफ हरे रुमाल / कपडे में बाँधकर सूर्योदय के बाद और सूर्यास्त से पहले बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें, इससे धन ( Dhan ) सम्बन्धी कार्यों में विघ्न नहीं आते है , आर्थिक पक्ष मजबूत होता जाता है ।
जीवन में धन ( Dhan ) और कार्यों में मनवाँछित सफलता प्राप्त करने के लिए घर में बजरंग बली का फोटो जिसमें वह उड़ते हुए नज़र आ रहे हो रखकर उसकी विधि पूर्वक पूजा करनी चाहिए।
घर में सुख समृद्धि ( Sukh Smradhi ) लाने के लिए घर के वायव्य कोण ( उत्तरपश्चिम के कोण ) में साफ जगह पर सुन्दर से मिट्टी के बर्तन में कुछ सोने-चांदी के सिक्के, लाल कपड़े में बांध कर रखें। फिर उस बर्तन को गेहूं या चावल से भर दें। ऐसा करने से उस घर में धन का प्रवाह लगातार बना रहता है , धन ( Dhan ) का अपव्यय भी नहीं होता है ।
घर में झाड़ू किसी साफ और किसी सुनिश्चित स्थान पर रखे । घर में झाड़ू ऐसी जगह रखे कि वह किसी भी बाहर वाले को दिखाई ना दें । झाड़ू को हमेशा लिटा कर रखे, उसे ना तो खड़ा करके रखे, ना उसे पैर लगाएँ और ना ही उसके ऊपर से गुजरे , अन्यथा लाख प्रयास के बावजूद भी घर में लक्ष्मी टिक नहीं पाती है ।
घर के मुखिया जो अपने घर व्यापार में माँ लक्ष्मी की कृपा चाहते है वह रात के समय कभी भी चावल, सत्तू , दही , दूध ,मूली आदि खाने की सफेद चीजों का सेवन न करें इस नियम का जीवन भर यथासंभव पालन करने से आर्थिक पक्ष हमेशा ही मजबूत बना रहता है ।
कार्यों में सफलता और दैवीय शक्तियों के आशीर्वाद के लिए अपने कार्य क्षेत्र की टेबिल के ईशान कोण ( उत्तर पूर्व का कोना ) में अपने आराध्य देव या देवी का अत्यन्त सुन्दर , साफ चित्र लगाएं इससे शुभ फलों की प्राप्ति होती है ।
हिन्दु धर्म में अक्षत ( चावल ) को बहुत ही शुभ माना जाता है । मान्यता है कि यदि आप लाल रंग के पर्स उपयोग करें और उसमें एक कागज़ में अखंडित अक्षत एवं माँ लक्ष्मी को प्रिय कौड़ी रखे तो आपको धन की कभी भी कोई भी कमी नहीं रहेगी ।
जो व्यक्ति नहाते हुए अथवा पैर धोते हुए पैर से पैर को रगड़कर साफ करता है, सर पर तेल लगाने के बाद हाथों के तेल को मुंह, कलाइयों या बाजुओं में रगड़ता है, नोटों को थूक लगा कर गिनता है, उनसे माता लक्ष्मी रुष्ट हो जाती है ,उसे हमेशा धन का संकट बना रहता है। कहीं आप भी तो यह भूल नहीं कर रहे है ?
Ruchi Sehgal
रोग मुक्ति के असरदार टोटके
हर व्यक्ति चाहता है कि वह और उसके परिवार के सदस्य आरोग्य को प्राप्त करें अर्थात निरोगी बने रहे । लेकिन वर्तमान समय के रहन सहन, खान-पान, शरीरिक श्रम की कमी के कारण लोगो को रोग बहुत जल्दी घेर लेते है ।
इन बिमारियों से मुक्ति ( Bimariyo Se Mukti ) के लिए कई उपाय, कई टोटके बताये गए है जिन्हे ध्यान पूर्वक करने से रोगो से छुटकारा Rogon se Chuthkara पाया जा सकता है ।
यहाँ पर हम रोग निवारण के कई आसान उपाय बता रहे है जिसे निरोगी काया पायी जा सकती है, बीमारी से मुक्ति ( Bimari se mukti ) के उपाय ।
बाजार से कपास के थोड़े से फूल खरीद लें। रविवार शाम 5 फूल, आधा गिलास पानी में साफ कर के भिगो दें। सोमवार को प्रात: उठ कर फूल को निकाल कर फेंक दें तथा बचे हुए पानी को पी जाएं। जिस पात्र में पानी पीएं, उसे कहीं पर भी उल्टा कर के रख दें। कुछ ही दिनों में आश्चर्यजनक स्वास्थ्य लाभ अनुभव करेंगे ।
रात्रि के समय शयन कक्ष में कपूर जलाने से पितृ दोष Pitradosh का नाश होता है, घर में शांति बनी रहती है, बुरे स्वप्न नहीं आते है और सभी प्रकार के रोगों से भी छुटकारा ( rogo se chutakra ) मिलता है ।
पूर्णिमा के दिन रात्रि में घर में खीर बनाएं। ठंडी होने पर उसका मंदिर में मां लक्ष्मी को भोग लगाएं एवं चन्द्रमा और अपने पितरों का मन ही मन स्मरण करें और कुछ खीर काले कुत्तों को दे दें। ऐसा वर्ष भर पूर्णिमा में करते रहने से घर में सुख शांति Ghar Me Shukh Shanti, निरोगिता एवं हर्ष और उल्लास का वातावरण बना रहता है धन की कभी भी कमी नहीं रहती है ।
घर में कोई बीमार हो जाए तो उस रोगी को शहद में चन्दन मिला कर चटाएं ।
यदि घर में पुत्र बीमार हो तो कन्याओं को हलवा खिलाएं एवं पीपल के पेड़ की लकड़ी को सिरहाने रखें।
जिस घर में स्त्रीवर्ग को निरन्तर स्वास्थ्य की पीड़ाएँ रहती हो, उस घर में तुलसी का पौधा लगाकर उसकी श्रद्धापूर्वक देखशल करने, संध्या के समय घी का दीपक जलाने से रोग पीड़ाएँ शीघ्र ही समाप्त होती है।
यदि घर में किसी की तबियत ज्यादा ख़राब लग रही है तो रविवार के दिन बूंदी के सवा किलो लड्डू किसी भी धार्मिक स्थान चड़ा कर उसका कम से कम 75% वहीँ पर प्रसाद के रूप में बांटे।
अगर परिवार में कोई परिवार में कोई व्यक्ति बीमार है तथा लगातार दवा सेवन के पश्चात् भी स्वास्थ्य लाभ नहीं हो रहा है, तो किसी भी रविवार से लगातार 3 दिन तक गेहूं के आटे का पेड़ा तथा एक लोटा पानी व्यक्ति के सिर के ऊपर से उसार कर जल को पौधे में डाल दें तथा पेड़ा गाय को खिला दें। इन 3 दिनों के अन्दर व्यक्ति अवश्य ही स्वस्थ महसूस करने लगेगा। अगर इस अवधि में रोगी ठीक हो जाता है, तो भी इस प्रयोग को अवश्य पूरा करना चाहिए।
पीपल के वृक्ष को प्रात: 12 बजे के पहले, जल में थोड़ा दूध मिला कर सींचें और शाम को तेल का दीपक और अगरबत्ती जलाएं। ऐसा किसी भी दिन से शुरू करके 7 दिन तक करें ( अगर सोमवार से शुरू करें तो अति उत्तम होगा )। रोग से ग्रस्त व्यक्ति को जल्दी ही आराम मिलना प्रारम्भ हो जायेगा।
शुक्रवार रात को मुठ्ठी भर काले साबुत चने भिगोयें। शनिवार की शाम उन्हें छानकर काले कपड़े में एक कील और एक काले कोयले के टुकड़े के साथ बांध दें । फिर इस पोटली को रोगी के ऊपर से 7 बार वार कर किसी तालाब या कुएं में फेंक दें। ऐसा लगातार 3 शनिवार करें। बीमार व्यक्ति शीघ्र अच्छा हो जायेगा।
यदि कोई प्राणी कहीं देर तक बैठा हो और उसके हाथ या पैर सुन्न हो जाएँ तो जो अंग सुन्न हो गया हो, उस पर उंगली से 27 का अंक लिख दीजिये, उसका सुन्न अंग तुरंत ठीक हो जाएगा।
काले तिल और जौ का आटा तेल में गूंथकर एक मोटी रोटी बनाकर उसे अच्छी तरह सेंकें। गुड को तेल में मिश्रित करके जिस व्यक्ति के मरने की आशंका हो, उसके सिर पर से 7 बार उतार कर मंगलवार या शनिवार को किसी भैंस को खिला दें।यह क्रिया करते समय ईश्वर से रोगी को शीघ्र स्वस्थ करने की प्रार्थना करते रहें।
गुड के गुलगुले सवाएं लेकर उसे 7 बार रोगी के सर से उतार कर मंगलवार या शनिवार व इतवार को चील-कौए को डाल दें, रोगी को तुरंत राहत मिलने लगती है।
Ruchi Sehgal