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Tuesday, 6 November 2018

एकादशी पर क्या नही करें

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हमारे हिन्दू धर्म में वैष्णव सम्प्रदाय के लिए एकादशी का बहुत ज्यादा महत्व है | हर माह दो एकादशी आती है एक कृष्ण पक्ष की और दूसरी शुक्ल पक्ष की | इन दोनों में शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी की महिमा ज्यादा है | एकादशी को हम ग्यारस के नाम से भी जानते है |


धार्मिक ग्रंथो से वे क्या क्या काम है जो एकादशी पर नही करने चाहिए ?
एकादशी पर चावल खाना मना है |
एकादशी पर दातून (मंजन) करना भी मना है |
एकादशी पर क्रोध ना करे , ना ही किसी से मानसिक और शारीरिक रूप से लड़ाई करे | किसी को भला बुरा भी ना बोले |


एकादशी पर मदिरापान , मांस खाना वर्जित है |
इस दिन झूठ ना बोले ना ही लालच करे |
इस दिन किसी की निंदा ना करे ना ही किसी को किसी के लिए भड़काए |
भगवान विष्णु की भक्ति में ज्यादा से ज्यादा समय बिताये | हो सके तो रात्रि में भी उनके भजन और स्तुति करे |
इस दिन पान सुपारी नही खानी चाहिए | यह मनुष्य के रजोगुण को बढाती है |
स्त्री के साथ संसर्ग करना भी वर्जित है , ऐसा करने से आपके मन में काम की भावना प्रबल रहती है और ईश्वर की भक्ति में मन नही लगता |
एकादशी के दिन सूर्योदय से पूर्व नहा कर विष्णु के मंत्रो का जप करे


भगवान विष्णु करते है रक्षा – नारायण कवच

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भगवान विष्णु करते है रक्षा – नारायण कवच

त्रिदेवो में भगवान विष्णु को जगत का पालनहार बताया गया है | यह भरण पोषण करने वाले देवता है | यदि आपको आर्थिक रूप से मजबूत होकर वैभवशाली जीवन जीना है तो भगवान श्री विष्णु और उनकी पत्नी धन की देवी माँ लक्ष्मी की कृपा का पात्र बनना ही पड़ेगा |




विष्णु को हम हरि , नारायण आदि नामो से जानते है | त्रिलोको की रक्षा और अधर्म का नाश करने के लिए भगवान विष्णु ने अवतार धारण किये है | ये अपने भक्तो के रक्षक है | यह दुःख हरने वाले और भक्तवत्सल है |
नारायण कवच की महिमा
इस पाठ में भक्त भगवान विष्णु का स्मरण करते हुए अपनी रक्षा हेतु विष्णु के सभी अवतारों से रक्षा मांगते है | जल भाग से विष्णु का मत्स्य अवतार , थल से वामन अवतार आकाश में त्रिविक्रम भगवान उन्हें रक्षा प्रदान करते है | पहाड़ो पर रक्षा परशुराम जी , रास्ते में रक्षा वराह देव आदि करते है |




इन्द्र ने नारायण कवच की धारण कर दैत्यों को हराया
एक बार देवासुर संग्राम में स्वर्ग के राजा इन्द्रदेव ने नारायण कवच का पाठ करके अपने शरीर पर नारायण रक्षा का ढाल बना लिया और फिर बड़े बड़े दैत्यों को युद्ध में हरा दिया |

कवच के मंत्रो में इतनी शक्ति होती है की इसका पाठ करके यदि किसी के शरीर पर मंत्र फूंक दे तो कोई अस्त्र शस्त्र उसे पीड़ा नही दे सकता |


टोना टोटके और काला जादू से बचने के उपाय

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काला जादू , टोने टोटके से बचने के उपाय
तंत्र शास्त्र में काले जादू , टोने टोटके वशीकरण सम्मोहन मारण आदि शब्द भी आते है जो नकारात्मक शक्तियों के परिणामो के घोतक है | यह जिस व्यक्ति पर लागू किया जाता है उसकी मानसिक अवस्था बिगर जाती है और अजीबोगरीब हरकते करने लगता है | तंत्र विद्या में मार और सम्हाल दोनो उपलब्ध है। अर्थात इसमें तांत्रिक क्रियाओं से बचाव हेतु उसका काट भी मौजूद है।



जादू-टोना तंत्र के लक्षण :



पहले तो यह अच्छे से जान ले की जिस व्यक्ति पर आपको संदेह है , कही वो किसी बीमारी से ग्रसित तो नही है | फिर जांचे की उस व्यक्ति की कुण्डली में कोई ग्रह अशुभ फल तो नही दे रहा | यदि कुण्डली और चिकित्सक जांच सही आये और व्यक्ति की हालत में कोई सुधार ना हो तब हो सकता है की किसी ने उसके ऊपर काला जादू , तंत्र मंत्र किया हो |
आइये जानते है की काला जादू टोना होने पर व्यक्ति के लक्षण कैसे हो जाते है |

पीड़ित व्यक्ति का स्वयं पर नियंत्रण नहीं रहता | वो स्वयं को और दुसरे को शारीरिक मानसिक नुकसान पहुंचा सकता है |
व्यक्ति के शरीर के हिसाब से उसमे अधिक बल आ जाता है |
उसके नेत्रों में जलन , बार बार पेशाब आना और उदासीन और गुमसुम रहना शुरू कर देता है |
पीड़ित व्यक्ति गुस्से वाला , चिडचिडा हो जाता है |
चेहरा कांतिहीन तथा पीला हो जाता है पर भूख ज्यादा लगती है |
जादू-टोने टोटके दूर करने के उपाय

गाय के घी, पीली सरसो, कपूर तथा गुग्गल का धूप बनाकर सूर्यास्त के समय गाय के गोबर से बने उपलों की सहायता से जलाएं। यह धुनी 21 दिनों तक घर में दे । यह घर से नकारात्मक शक्तियों को दूर करने में रामबाण ईलाज है |
केसर, गायत्री तथा जावित्री को कूटकर चूर्ण बना लें तथा उसमें गुग्गल मिश्रित कर प्रातः काल तथा संध्या काल निरंतर 21 दिनों तक घर में धूप दें।
चार गोमती चक्र लेकर शुक्ल पक्ष के बुधवार को पीड़ित व्यक्ति के ऊपर उतारकर चारो दिशा में फेंक दें।
घर में हनुमान चालीसा की चमत्कारी चौपाइयो का सुबह और शाम पीड़ित के सामने पाठ करे ।


नियमित रूप से अपने घर में गौ मूत्र और गंगा जल  छिड़कैं।
घर के बगीचे में आक तथा तुलसी का पौधा लगाएं।
नित्य गणेश जी को एक साबुत सुपारी अर्पित करें तथा गरीब को कटोरी भर अन्न दान करें।
रविवार के दिन काले धतूरे की जड़ ले और उसका ताबीज बनाकर पीड़ित व्यक्ति को पहनाये |
लहसून के रस में हींग मिलाकर पीड़ित को सुंघा दें।
पीड़ित व्यक्ति को नारायण कवच का पाठ कराये |