भीष्म ने बताई थीं स्त्रियों से संबंधित ये 3 गुप्त बातें, हर पुरुष को होनी चाहिए मालूम
सनातन संस्कृति में मातृ शक्ति को अत्यंत आदरणीय माना जाता है। आध्यात्मिक व सामाजिक ग्रंथों में ऋषियों ने कहा है कि महिलाओं का सम्मान करना चाहिए।
जिस राष्ट्र में महिलाओं का सम्मान नहीं होता, उसका पतन हो जाता है। महाभारत इसका ज्वलंत प्रमाण है जब द्रोपदी के चीरहरण का फल कौरवों सहित अनेक योद्धाओं को अपने प्राण गंवाकर चुकाना पड़ा।(3 secret things told by bhishma about women)
पौराणिक कथाओं और ऋषियों द्वारा रचित संहिताओं में महिलाओं के अधिकारों तथा कर्तव्यों का वर्णन किया गया है। महाभारत में जब पितामह भीष्म शरशैया पर मृत्यु की प्रतीक्षा कर रहे थे, तब उन्होंने युधिष्ठिर को नीति संबंधी महत्वपूर्ण बातें बताई थीं।
उन्होंने महिलाओं के सम्मान और अधिकारों पर काफी जोर दिया। आप भी जानिए वे प्राचीन बातें जो आज भी बहुत महत्वपूर्ण और प्रासंगिक हैं।
1- महाभारत के इस प्रसंग के अनुसार उसी घर में प्रसन्नता का वास होता है जहां स्त्री प्रसन्न हो। जिस घर में स्त्री दुखी होती है, उसका सम्मान नहीं होता, वहां से लक्ष्मी और देवता भी चले जाते हैं। ऐसे स्थान पर विवाद, कटुवचन, दुख और अभावों की ही प्रबलता होती है।
2- जिस परिवार में बेटी और स्त्री को दुख मिलता है वह परिवार भी दुखों से बच नहीं सकता। उसे दुखों की प्राप्ति होती है। यह दुख शोक में परिवर्तित हो सकता है। अतः परिवार में बेटी हो या बहू, उसका सम्मान करना चाहिए। जहां इनका सम्मान होता है वहां देवगण भी निवास करते हैं।
3- मनुष्य को ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए जो उसके लिए शाप और शोक लेकर आए। महाभारत में शाप से संबंधित अनेक प्रसंग आते हैं।(3 secret things told by bhishma about women)
शास्त्रों के अनुसार, स्त्री, बालक, बालिका, गौ, असहाय, प्यासा, भूखा, रोगी, तपस्वी और मरणासन्न व्यक्ति को नहीं सताना चाहिए। जो इनसे शाप लेता है उसका विनाश निश्चित रूप से होता है।
सनातन संस्कृति में मातृ शक्ति को अत्यंत आदरणीय माना जाता है। आध्यात्मिक व सामाजिक ग्रंथों में ऋषियों ने कहा है कि महिलाओं का सम्मान करना चाहिए।
जिस राष्ट्र में महिलाओं का सम्मान नहीं होता, उसका पतन हो जाता है। महाभारत इसका ज्वलंत प्रमाण है जब द्रोपदी के चीरहरण का फल कौरवों सहित अनेक योद्धाओं को अपने प्राण गंवाकर चुकाना पड़ा।(3 secret things told by bhishma about women)
पौराणिक कथाओं और ऋषियों द्वारा रचित संहिताओं में महिलाओं के अधिकारों तथा कर्तव्यों का वर्णन किया गया है। महाभारत में जब पितामह भीष्म शरशैया पर मृत्यु की प्रतीक्षा कर रहे थे, तब उन्होंने युधिष्ठिर को नीति संबंधी महत्वपूर्ण बातें बताई थीं।
उन्होंने महिलाओं के सम्मान और अधिकारों पर काफी जोर दिया। आप भी जानिए वे प्राचीन बातें जो आज भी बहुत महत्वपूर्ण और प्रासंगिक हैं।
1- महाभारत के इस प्रसंग के अनुसार उसी घर में प्रसन्नता का वास होता है जहां स्त्री प्रसन्न हो। जिस घर में स्त्री दुखी होती है, उसका सम्मान नहीं होता, वहां से लक्ष्मी और देवता भी चले जाते हैं। ऐसे स्थान पर विवाद, कटुवचन, दुख और अभावों की ही प्रबलता होती है।
2- जिस परिवार में बेटी और स्त्री को दुख मिलता है वह परिवार भी दुखों से बच नहीं सकता। उसे दुखों की प्राप्ति होती है। यह दुख शोक में परिवर्तित हो सकता है। अतः परिवार में बेटी हो या बहू, उसका सम्मान करना चाहिए। जहां इनका सम्मान होता है वहां देवगण भी निवास करते हैं।
3- मनुष्य को ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए जो उसके लिए शाप और शोक लेकर आए। महाभारत में शाप से संबंधित अनेक प्रसंग आते हैं।(3 secret things told by bhishma about women)
शास्त्रों के अनुसार, स्त्री, बालक, बालिका, गौ, असहाय, प्यासा, भूखा, रोगी, तपस्वी और मरणासन्न व्यक्ति को नहीं सताना चाहिए। जो इनसे शाप लेता है उसका विनाश निश्चित रूप से होता है।
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